What is the real reason for the dispute between the lawyer and the revenue staff

वकील Vs राजस्व अमला.. हंगामा है क्यो बरपा? आखिर क्या है विवाद की असली वजह?

What is the real reason for the dispute between the lawyer and the revenue staff

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : February 15, 2022/11:33 pm IST

(रिपोर्टः राजेश मिश्रा, अविनाश पाठक) रायपुरः रायगढ़ में वकीलों और नायब तहसीलदार के बीच हुए मारपीट के विवाद से पूरे प्रदेश में बवाल मचा है। एक ओर प्रदेश के सभी तहसीलदार, उनके अधीनस्थ कर्मचारी और छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ा है। वहीं दूसरी ओर मामले में कार्रवाई का विरोध स्टेट बार काउंसिल के साथ ही प्रदेशभर के वकील भी कर रहे हैं। कुल मिलाकर आक्रोश और असंतोष दोनों तरफ से है। रायगढ़ में वकीलों और नायब तहसीलदारों के बीच विवाद की वजह जमीन नामांतरण को बताया जा रहा है। राज्य सरकार भले नामांतरण समेत सभी राजस्व प्रकरणों के निपटारे को लेकर गंभीर है लेकिन रायगढ़ समेत सभी जिलों की एक जैसी कहानी है। जहां साल दर साल राजस्व प्रकरण के लंबित प्रकरणों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में सवाल है कि वकीलों और राजस्व अमला के बीच हंगामा क्यों है बरपा?

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रायगढ़ के तहसील ऑफिस में नायब तहसीलदार विक्रांत सिंह राठौर के साथ ही क्लर्क और चपरासी के साथ हुए मारपीट की घटना के बाद ये पूरा विवाद शुरू हुआ है। रायगढ़ में राजस्व विभाग समेत सभी सरकारी विभागों के कर्मचारियों ने सोमवार को काम बंद कर विरोध प्रदर्शन किया। मामले में रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, अंबिकापुर, बिलासपुर, जगदलपुर, से लेकर कांकेर और कवर्धा तक राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया और आरोपी वकीलों की गिरफ्तारी के साथ कर्मचारियों की सुरक्षा गारंटी की भी मांग कर रहे हैं।

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दूसरी ओर कार्रवाई के विरोध में अधिवक्ता संघ भी लामबंद हो गए हैं। मंगलवार को स्टेट बार काउंसिल के निर्देश पर प्रदेशभर के वकीलों ने काली पट्टी लगाकर काम किया। अधिवक्ता संघ के मुताबिक रायगढ़ में वकीलों पर एकतरफा कार्यवाही हुई है। वकीलों ने आरोप लगाया कि राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। तहसील कार्यालयों के अधिकारी कर्मचारी छोटे-छोटे कार्यों के लिए लेन-देन की बात करते हैं।

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बहरहाल रायगढ़ के तहसील कार्यालय में हुई घटना को राजस्व अमला और वकीलों के बीच जंग छिड़ गई है। दोनों पक्ष खुद को सही साबित करने एड़ी-चोटी की जोर लगा रहे हैं। लेकिन सवाल है कि राजस्व विभाग के कर्मचारियों और वकीलों के बीच विवाद की वजह क्या है? क्या राजस्व प्रकरणों की सुनवाई में देरी और विभाग में करप्शन इसके लिए जिम्मेदार है..जैसा कि वकील आरोप लगा रहे हैं। वैसे सरकारी आंकडे भी बताते हैं कि प्रदेश में राजस्व प्रकरण के लंबित मामले साल दर साल बढ़ते ही जा रहे हैं। वो भी तब राज्य सरकार इस मामले में बेहद गंभीर है। बावजूद इसके राजस्व मंडल में लंबित कई प्रकरणों में कलेक्टरों की तरफ से समय पर रिकॉर्ड नहीं दिया जाता। सरकार के आदेश के बाद भी पटवारियों के पास खसरा और नक्शा ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है। मजबूरन आम आदमी को जमीन की खरीद बिक्री और दूसरे कामों के लिए पटवारी के पास जाना पड़ता है। कुल मिलाकर रायगढ़ में नायब तहसीलदार और वकीलों के बीच विवाद की चिंगारी जब तक शांत नहीं होगी, तब तक आम आदमी इसमें पिसता रहेगा।