Vande Bharat: भूपेश के निशाने पर कौन? आखिर नेता प्रतिपक्ष पर क्यों भड़के पूर्व सीएम, देखिए पूरी रिपोर्ट

CG Politics: भूपेश के निशाने पर कौन? आखिर नेता प्रतिपक्ष पर क्यों भड़के पूर्व सीएम, देखिए पूरी रिपोर्ट

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Modified Date: June 23, 2025 / 11:34 PM IST
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Published Date: June 23, 2025 11:34 pm IST
HIGHLIGHTS
  • भूपेश बघेल की खुली नसीहत
  • नेता प्रतिपक्ष की निष्क्रियता पर सवाल
  • कांग्रेस में बढ़ती अनुशासनहीनता पर पूर्व सीएम की नाराजगी

रायपुर: CG Politics काफी समय के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट का प्रदेश में आगमन हुआ है बैठकों का लंबा सिलसिला चला है। आज कांग्रेस की एक दो नहीं पांच बैक टू बैक मीटिंग्स का सिलसिला शुरू हुआ शुरुआत होती है। पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की मीटिंग से इसके बाद प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक तीसरी बैठक हुई। जिला अध्यक्षों की चौथी बैठक हुई मोर्चा प्रकोष्ठों की और पांचवी बैठक कांग्रेस विधायक दल की जो देर शाम को एक निजी होटल में शुरू हुई है। हर बैठक का एक अहम मुद्दा रहा एक प्रमुख एजेंडा रहा तो यह पांच बड़ी मीटिंग्स कांग्रेस पार्टी की अलग-अलग सबसे पहले उस पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की मीटिंग जिससे जुड़ा।

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CG Politics एक बड़ा अपडेट निकला कि आखिर भूपेश के निशाने पर कौन है? वही मुद्दा कि संगठन में बड़ी जिम्मेदारियों से क्यों वंचित रखा जा रहा है जिनकों जिम्मेदारियां दी वह कितना एक्टिव हुए, इसकी समीक्षा की गई। फिर प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में संगठन के ऐसे मुद्दे उठे जो कांग्रेस के लिए सुलगते सवाल हैं। कम से कम छत्तीसगढ़ में और इसके बाद फिर कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आगामी सत्र में कैसे घेरे विपक्ष के नाते कांग्रेस के विधायक क्योंकि विपक्ष की भूमिका सरकार को घेरने की होती है। आज नेता खुद ही गिरते नजर आए लेकिन कैसे वह सरकार को घेरे सत्ता पक्ष को कैसे घेरे इसे लेकर आज रणनीति का निर्माण कांग्रेस पार्टी अपने प्रभारी के समक्ष कर रही है तो ये पांच बड़ी मीटिंग दिनभर आज इन पांच मीटिंग्स में बहुत कुछ हुआ है।

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ये बहस शुरू हुई। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की एक नसीहत से, जो उन्होंने अपनी ही पार्टी के सीनियर नेताओं को दी। दरअसल, सोमवार को रायपुर के राजीव भनव में कांग्रेस पार्टी में एक के बाद एक मैराथन मीटिंग्स का दौर चला। जिसमें सबसे अहम रहा कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक। इसी मीटिंग में पूर्व CM भूपेश बघेल ने
अपनी पार्टी के सीनियर नेता, डॉ चरणदास महंत से पूछा कि आखिर वो मौजूदा सरकार के मुखिया CM साय पर हमला बोलने से बचते क्यों हैं, नसीहत दी कि विपक्षी कांग्रेस के विधायकों को पूरी ताकत से, खुली आवाज में सरकार को घेरना चाहिए।

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इसके अलावा भूपेश ने कांग्रेसी नेताओं में बढ़ती अनुशासनहीनता पर नाराजगी जताई, उदाहरण दिया कि राजनांदगांव में एक नेता ने मेरे खिलाफ बयान देता है लेकिन उसपर कोई एक्शन नहीं होता। ये सबकुछ कहा गया छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट की मौजूदगी में। पूर्व सीएम के तेवर और नसीहत पर बीजेपी सांसद ने बघेल को घेरते हुए कटाक्ष किया कि, उन्होंने सत्ता रहते उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं-वरिष्ठ नेताओं को अपमानित किया जो अब लौटकर उन्हीं को वापस मिल रहा है। बीजेपी के कटाक्ष पर पूर्व डिप्टी CM ने बात संभालते हुए कहा कि बीजेपी नेता आपदा में भी अवसर ढूंढ रहे हैं, बीजेपी चाहती है कि कांग्रेसी अलग-अलग बयान दें।

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कुल मिलाकर पार्टी के प्रभारी सचिन पायलट के प्रदेश आगमन पर पूरी कांग्रेस इकाई एक्टिव नजर आई। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संभावित छत्तीसगढ़ दौरे की तैयारी, विपक्षी विधायकों की आगामी सत्र में सरकार को घेरने मुद्दे से लेकर संगठन में खाली पदों और जिम्मेदारियों पर मीटिंग्स का सिलसिला दिनभर चला। लेकिन सबसे बड़ी चर्चा इसी बात की है कि क्या भूपेश बघेल अपनी पार्टी के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष की कार्यशैली से नाराज हैं? क्या वो प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं? कि अब पार्टी में उनके खिलाफ बयान देने वाले पर जिम्मेदार मौन रहकर अनुशासनहीनता को बढावा दे रहे हैं? सबसे बड़ा सवाल ये कि क्या आगामी सत्र में भूपेश की नसीहत पर अमल होगा या फिर पार्टी के भीतर इस पर बहस बढ़ेगी?

"भूपेश बघेल ने किसे और क्यों दी नसीहत?"

भूपेश बघेल ने कांग्रेस के सीनियर नेता चरणदास महंत को नसीहत दी कि विपक्ष की भूमिका में उन्हें सरकार पर खुलकर हमला करना चाहिए।

"सचिन पायलट के दौरे का क्या मकसद था?"

संगठनात्मक समीक्षा, खाली पदों पर नियुक्ति और आगामी विधानसभा सत्र की रणनीति तय करना।

"अनुशासनहीनता को लेकर भूपेश बघेल का क्या बयान था?"

उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर कुछ नेता सार्वजनिक रूप से बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन संगठन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही।