CG Congress Crisis | Photo Credit: IBC24
रायपुर: CG Congress Crisis प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट 2 दिवसीय प्रवास पर आए तो थे। SIR पर पार्टी की प्लानिंग को आगे बढ़ाने लेकिन चर्चा में रहा उनके सामने नेताओं कार्यकर्ताओं सिरफुऔव्वल जैसी स्थिति हालांकि, जब पार्टी को आपसी शक्ति प्रदर्शन और अनुशासनहीनता पर आलोचना झेलनी पड़ी तो फौरी तौर पर कुछ एक्शन भी लिया गया है। केशकाल में ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष समेत 5 कांग्रेसियों को नोटिस देकर हफ्ते भर में जवाब मांगा है। सवाल ये है कि पार्टी में ऐसी घटनओं को कब तक आंतरिक लोकतंत्र और बोलने की आजादी वाले बहाने से ढंका जाएगा?
CG Congress Crisis आपस में उलझते, नेता के सामने शक्ति प्रदर्शन करते नेता क्या ऐसे विपक्ष सत्ता में वापसी करेगा। ये सवाल फिर उठा जब छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट दो दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ पहुंचे। जगदलपुर प्रवास के दौरान वे धमतरी कांकेर और केशकाल में कुछ देर के लिए रुके। इस दौरान कांग्रेसी नेता-कार्यकर्ता उनके सामने ही आपस में भिड़ गए, केशकाल में बस स्टैंड पर पायलट के स्वागत के दौरान ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष राजेश नेताम और पूर्व MLA संतराम नेता अलग-अलग शक्ति प्रदर्शन करते नजर आए, तो इससे पहले धमतरी में भी राजीव भवन के बाहर पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष ने कांग्रेस जिला अध्यक्ष शरद लोहाना पर महापौर के चुनाव के वक्त टिकट बेचने जैसे गंभीर आरोप लगाये। कांग्रेस के हालात पर पूर्व मंत्री बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने तंज कसा कि अपने नेताओं के सामने शौर्य दिखाना तो कांग्रेस की परंपरा रही है।
अपने प्रवास के दौरान कांग्रेसियों की इस कलह पर सफाई दी खुद सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक बड़ा परिवार है जिससे लोगों-कार्यकर्ताओं को काफी उम्मीदें हैं, तो वहीं पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने इसे पार्टी के भीतर लोकतंत्र और बोलने की आजादी बताने की कोशिश की।
पायलट चाहे लाख बात संभाले लेकिन अपने सीनियर नेताओं के सामने स्वागत की होड़, धक्का-मुक्की से लेकर टिकट और पद बेचे जाने जैसे गंभीर आरोपों से घिरी कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाने वाले, बाहर के नहीं कांग्रेस के भीतर से हैं। सवाल ये है कि कौन और कैसे ठीक करेगा इसे, क्या मजबूत संगठन और डबल इंजन सरकार वाली बीजेपी से ऐसे चुनाव जीता जा सकता है?