Vande Bharat: नन केस में नया मोड़..धर्मांतरण क्या तोड़? कमलेश्वरी का बयान..मचाएगा घमासान! देखे वीडियो

Chhattisgarh News: नन केस में नया मोड़..धर्मांतरण क्या तोड़? कमलेश्वरी का बयान..मचाएगा घमासान! देखे वीडियो

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  • Publish Date - July 31, 2025 / 11:12 PM IST,
    Updated On - July 31, 2025 / 11:12 PM IST

Chhattisgarh News | Photo Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • कमलेश्वरी प्रधान ने बजरंग दल और पुलिस पर लगाए संगीन आरोप
  • कहा – झूठा बयान लिखवाया गया
  • युवती का दावा – नौकरी के लिए जा रही थी आगरा

रायपुर: Chhattisgarh News 25 जुलाई को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर कथित धर्मांतरण और मानव तस्करी के मामले में अब सनसनीखेज मोड़ आ गया है। नारायणपुर की एक युवती ने आज खुलकर मीडिया के सामने अपनी बात रखते हुए, बजरंग दल और पुलिस पर संगीन आरोप लगाए हैं।

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Chhattisgarh News दुर्ग रेलवे स्टेशन पर 25 जुलाई को कथित धर्मांतरण और मानव तस्करी के शक में दो नन, एक युवक और तीन युवतियों को हिरासत में लिया गया था। युवतियों को बाद में नारायणपुर उनके घर भेज दिया गया, लेकिन अब इस मामले ने नया रुख ले लिया है। नारायणपुर के कूकड़ा झोर की रहने वाली युवती कमलेश्वरी प्रधान ने आज 31 जुलाई को मीडिया के सामने खुलासा किया कि वो अपनी मर्जी से उत्तर प्रदेश के आगरा में मिशनरी अस्पताल में नौकरी के लिए जा रही थी। उनके साथ दो अन्य युवतियां और नारायणपुर का एक युवक सुखराम भी था, जो उन्हें स्टेशन तक छोड़ने आया था। कमलेश्वरी का आरोप है कि दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उन्हें जबरन रोका, मारपीट की, और पुलिस की मौजूदगी में झूठा बयान लिखवाया। इतना ही नहीं, वन स्टॉप सखी सेंटर ने उन्हें बहलाकर गांव वापस भेज दिया, और उनके परिवार को बजरंग दल द्वारा धमकियां भी दी गईं।

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युवती ने साफ कहा कि वह वर्षों पहले अपने परिवार के साथ स्वेच्छा से ईसाई धर्म अपना चुकी है और मिशनरी सेवा करना चाहती है। उन्होंने नन और युवक सुखराम को पूरी तरह निर्दोष बताया और इस पूरे मामले को साजिश करार दिया। कमलेश्वरी के इस बयान ने दुर्ग रेलवे स्टेशन की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या बजरंग दल और पुलिस की भूमिका की निष्पक्ष जांच होगी? जिस मामले पर केरल से लेकर दिल्ली तक सियासत गर्म रही, जो मुद्दा देश की सदन में भी गूंजा अब उस मामले पर ये बयान पूरी पिक्चर को उलट कर रख दिया है, लेकिन सवाल ये भी उठता है कि आखिर जब इस मामले में धर्मांतरण का कोई एंगल नहीं है तो फिर बजरंग दल को सूचना कहां से मिली? कुलमिलाकर ये मामला अब छत्तीसगढ़ में एक बड़े विवाद का रूप ले सकता है।

दुर्ग रेलवे स्टेशन पर क्या हुआ था?

25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो नन, एक युवक और तीन युवतियों को हिरासत में लिया गया था, जिन्हें धर्मांतरण और मानव तस्करी के संदेह में रोका गया था।

युवती कमलेश्वरी प्रधान ने क्या बयान दिया है?

31 जुलाई को मीडिया के सामने आकर कमलेश्वरी प्रधान ने कहा कि वह अपनी मर्जी से नौकरी के लिए जा रही थी, और बजरंग दल ने जबरन रोका, मारपीट की और झूठा बयान दबाव में लिखवाया गया।

क्या युवती ने धर्मांतरण की बात मानी है?

हाँ, कमलेश्वरी ने कहा कि वह पहले से ही स्वेच्छा से ईसाई धर्म अपना चुकी हैं और मिशनरी सेवा करना चाहती हैं।