ब्लूरानी जैसे लोगों को ही कहा जाता है ‘धरती का भगवान’, 19 साल से बारिश में नदी-नाला पार कर दे रही है स्वास्थ्य सुविधाएं

ब्लूरानी जैसे लोगों को ही कहा जाता है 'धरती का भगवान', 19 साल से बारिश में नदी-नाला पार कर दे रही है स्वास्थ्य सुविधाएं

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  • Publish Date - July 12, 2019 / 11:45 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:56 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं, लेकिन विभाग के कई ऐसे कर्मचारी हैं जो अपनी ड्यूटी इमानदारी से निभाकर जनता की सेवा करने में लगे हुए हैं। ऐसी एक स्वास्थ्य कर्मचारी हैं ब्लूरानी बैरागी, जो पिछले 19 साल से बस्तर की विषम परिस्थितियों में जनता की सेवा करने में लगी हुई हैै। ब्लूरानी की सेवा बारिश के दिनों में भी नहीं थमती। इन दिनों में भी वे उफनते नदी-नालों को पार कर गर्भवती महिलाओं, बच्चों को समय पर टीकाकरण कर अपने दायित्वों का बखूबी निवर्हन करती है।

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ब्लूरानी बैरागी पिछले 19 सालों से नारायणपुर और ओरछा विकासखंड के सात गांव झारावाही, हतलानार, घूमा, पीटेकल, कोडनार, अलवर (पहाड़ पर है) और कुमनार में लगभग 1100 से ज्यादा आबादी के स्वास्थ्य का ध्यान रखती है। ब्लूरानी बैरागी ने कुकुर नदी पार कर बच्चों को रोटा वायरस और गर्भवती महिलाओं को हतलानार पहुंचकर टीकाकरण और गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की। इसके अलावा वे 6 गांव के बीच में पड़ने वाले नालों को भी पार कर बच्चों, गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण और उनके स्वास्थ्य की जांच करती है। श्रीमती बैरागी को भारी बारिश में नदी-नाले में ज्यादा पानी होने पर गांव मेें नहीं पहुंचने का मलाल रहता है।

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ब्लूरानी बैरागी ने बताया कि चारों से घिरे घने-जंगलों, पहाड़ों, पथरीले और ऊबड़-खाबड़ रास्तों को पार कर आना-जाना कराना पड़ता है। बारिश के मौसम में यहां की स्थिति भयावह हो जाती है। उन्होंने बताया कि सभी मौसम में कई किलोमीटर पदैल ही सफर करना पड़ता है। बरसात में पैदल दूरी अधिक हो जाती है। लेकिन बच्चों और गर्भवती महिलाओं के समय पर खुराक और टीकाकरण करने पर हमें बहुत सुकून मिलता है। उनके चेहरे पर मुस्कान देखकर हम अपनी तकलीफ भूल जाते है। भारी बारिष के दौरान ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच के लिए नहीं पहुंच पाने का दुख रहता है। कई बार नदी पार करने के बाद भारी बारिश के बीच नदी-नालों में ज्यादा पानी आ जाने के कारण दो-तीन दिनों तक वहीं नदी पार गांव में रूकना पड़ता है। लेकिन गांव वाले के प्यार और स्नेह के कारण वक्त का पता नहीं चलता ।

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जिला स्वास्थ्य विभाग की रूरल हेल्थ ऑगनाइजर (आरएचओ) फीमेल नर्स श्रीमती ब्लूरानी बैरागी, और (आरएचओ) पुरूष मेल अरविंद त्रिपाठी और मितानिन ट्रेनर अश्विनी कुकुर नदी को पार कर अपने कर्तव्य स्थल तक पहुंचें। जहां उन्होंने छोटे बच्चों को रोटा वायरस की खुराक दी। साथ ही गर्भवती महिलाओं को समय पर लगाये जाने वाले टीकाकरण किया। बच्चों को विटामिन ए की भी खुराक पिलाई।

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