व्यापारियों को सीएम भूपेश बघेल की सौगात, सरकार ने 2020 तक माफ किया मंडी शुल्क

व्यापारियों को सीएम भूपेश बघेल की सौगात, सरकार ने 2020 तक माफ किया मंडी शुल्क

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  • Publish Date - August 27, 2019 / 04:28 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:39 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने मंगलवार को प्रदेश के व्यापारियों को बड़ी सौगात दी है। सरकार ने दलहन, तिलहन और गेहूं जैसे उत्पादों पर से मंडी शुल्क हटाने का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले से अब व्यापारियों को दूसरे राज्य से दलहन, तिलहन तिलहन के आयात करने पर मंडी शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा। बता दें कि यह छूट मार्च 2019 तक ही प्राप्त थी, लेकिन राज्य सरकार ने किसानों और आम लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस छूट को मार्च 2020 कर बढ़ाने का फैसला किया है। इस संबंध में सरकार ने आदेश जारी ​कर दिया है।

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वहीं, दूसरी ओर सरकार ने मंगलवार को हुए कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तवों पर मुहर लगाई है। बैठक में छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गाें के लिये आरक्षण) अधिनियम,1994 में संशोधन करने हेतु छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गाें के लिए आरक्षण) अधिनियम संशोधन अध्यादेश, 2019 के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इसके तहत अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 13 प्रतिशत एवं अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का अनुमोदन किया गया।

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इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर

  • आर्थिक रूप कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी गई

  • खेल अकादमी के माध्यम से स्पॉट्स एक्सीलेंट सेंटर बनाया जाएगा, स्टेडियम का सदुयोग किया जाएगा

  • 4 हाथी रिजर्व फारेस्ट बनाना था इसके कारण हाथी मानव द्वंद को देखते हुए लेमरू हाथी रिर्जव बनाया जाएगा

  • प्रदेश के कोरबा, कटघोरा, धरमजयगढ़ एवं सरगुजा वनमंडल क्षेत्र के अंतर्गत 1995.48 वर्ग किमी क्षेत्र में लेमरू हाथी रिजर्व गठित करने का निर्णय लिया गया। इस रिजर्व के अंतर्गत 142 गांव आएंगे।

  • अबूझमाड क्षेत्र के असर्वेक्षित ग्रामों में वर्षाें से निवासरत लगभग 50 हजार से अधिक लोगों को उनके कब्जे में धारित भूमि का मसाहती खसरा एवं नक्शा उपलब्ध कराया जाएगा।

  • सार्वजनिक क्षेत्र एवं निजी क्षेत्र के उद्योगों के कार्पाेरेट सामाजिक उत्तरदायित्व एवं अन्य संस्थाओं से प्राप्त सहायता से राज्य में उपलब्ध खेल संरचनाओं का उपयोग करते हुए खेल अकादमी का संचालन किया जाएगा।

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