छठ पूजा: नदी, तालाब के गहरे पानी में जाकर नहीं कर सकते पूजा, कलेक्टर ने जारी किया दिशा निर्देश

छठ पूजा: नदी, तालाब के गहरे पानी में जाकर नहीं कर सकते पूजा, कलेक्टर ने जारी किया दिशा निर्देश

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  • Publish Date - November 18, 2020 / 01:10 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:04 PM IST

गरियाबंद। कोरोना संक्रमण के प्रभाव के चलते जिला कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर छठ पूजा के लिए दिशा निर्देश जारी किया है। शासन के आदेशानुसार कंटेनमेंट जोन के बाहर के क्षेत्र में धार्मिक एवं अन्य कार्यक्रम आयोजन के लिए जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एस.ओ.पी.) का कड़ाई से पालन करने की शर्त पर 20 तारीख को छठ पूजा के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं।

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इन नियमों का करना होगा पालन

छठ पूजा स्थलों पर केवल पूजा करने वाले व्यक्ति ही शामिल होंगे। अनावश्यक भीड एकत्रित न होने देने की जिम्मेदारी आयोजन समितियों की होगी। छठ पूजा स्थलों पर प्रत्येक व्यक्ति के लिए मास्क/सोशल एवं फिजिकल डिस्टेंसिंग के मापदण्डों का पालन तथा समय-समय पर सेनेटाईजर का उपयोग करना अनिवार्य होगा। छठ पूजा में किसी प्रकार के जुलूस/सभा/रैली/सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं करेंगे। छठ पूजा स्थलों में पान, गुटखा, इत्यादि खाकर अन्यथा थूकना प्रतिबंधित रहेगा।

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छत्तीसगढ़ शासन के दिये गये निर्देशानुसार छठ पूजा में प्रातः 6 बजे से प्रातः 9 बजे तक ही हरित (ग्रीन) पटाखे फोड़ने की अनुमति रहेगी। छठ पूजा स्थलों में किसी प्रकार के बाजार, मेला, दुकान इत्यादि लगाने की अनुमति नहीं होगी। छठ पूजा स्थलों में ध्यान विस्तारक यंत्रों के उपयोग को अनुमति नहीं होगी। छठ पूजा स्थलों में छोटे बच्चों एवं बुजुर्ग/वृद्ध को जाने की अनुमति नहीं होगी।

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नदी, तालाब के गहरे पानी में जाकर पूजा करने की अनुमति नहीं होगी। आयोजक/आयोजनकर्ता कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए स्थारथ्य मंत्रालय, भारत सरकार एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा समय-समय पर कोरोना महामारी से सुरक्षा हेतु दिये जा रहे निर्देशों का कड़ाई से पालन अनिवार्य रूप से करेंगे।

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सभी निर्देशों के अतिरिक्त भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आदेश के अंतर्गत जारी एस.ओ.पी. का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। निर्देशों का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 सहपठित एपिडेमिक डिसीज एक्ट 1897 यथासंशोधित 2020 एवं भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188 अंतर्गत विधि अनुकुल कड़ी कार्यवाही की जायेगी।

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