रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने एक से दूसरे जिले बस के संचालन की अनुमति दी है। सरकार द्वारा आदेश जारी करने के तुरंत बाद ही बस मालिकों ने बस चलाने से इनकार कर दिया हैं। इस विरोधाभास के बीच बस मालिक आज फिर परिवाहन सचिव से मिलेंगे।ये मुलाकात कल होनी थी, लेकिन बात नहीं बनी थी। शुक्रवार को ही राज्य सरकार ने राज्य के भीतर बस चलानें की अनुमति दी है।
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छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती है तब तक वह बस नहीं चलाएंगे। बस मालिकों ने सरकार के सामने तीन प्रमुख रखी है।
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– इनमें पहला लॉक डाउन अवधि के आगामी 6 माह का टैक्स माफ किया जाए।
– डीजल की कीमतों के अनुपात में यात्री किराए में वृद्धि की जाए।
– नॉन यूज बसों को बिना टैक्स लिए खड़ी करने की अनुमति दी जाए।
बता दें कि देर शाम राज्य सरकार ने लोगों की आवश्यकता को देखते हुए जिले के अंदर और एक जिले से दूसरे जिले के लिए बसों के संचालन की अनुमति दी। इस दौरान यात्री, ड्राइवर और कंडक्टर मास्क पहनेंगे। वहीं बस में गुटका, तम्बाकू और धूम्रपान करना प्रतिबंधित। ड्राइवर-कंडक्टर की ड्यूटी बारी-बारी से रहेगी। बसों को रोजाना सैनिटाईज करना अनिवार्य है। लेकिन बस मालिकों के मांग सामने आने के बाद मामला अटक गया है।
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परिवहन मंत्री ने बुलाई बैठक
सरकार के सामने अपनी मांगे रखने के बाद परिवहन मंत्री ने बस संचालकों को चर्चा के लिए बुलाया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कल दोपहर 2 बजे बैठक होगी। जिसमें बस संचालकों के द्वारा रखी गई तीन मांगों पर चर्चा होगी।