रायपुर। छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी लंबी बीमार के बाद आज दुनिया को अलविदा कह दिया। ऐसा कई मौके आए हैं, जब वह मौत के मुंह से भी वापस आ चुके हैं। आइए उनके पूरे करियर पर एक नजर डालते हैं।
Read More News: टिड्डी दलों पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, ड्रोन और हेलिकॉप्टरों से किया
२० वर्षीय युवा छत्तीसगढ़ राज्य के सिर से आज उसके पिता का साया उठ गया।केवल मैंने ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ ने नेता नहीं,अपना पिता खोया है।माननीय अजीत जोगी जी ढाई करोड़ लोगों के अपने परिवार को छोड़ कर,ईश्वर के पास चले गए।गांव-गरीब का सहारा,छत्तीसगढ़ का दुलारा,हमसे बहुत दूर चला गया। pic.twitter.com/RPPqYuZ0YS
— Amit Jogi (@amitjogi) May 29, 2020
छत्तीगसढ़ के पहले मुख्यमंत्री
जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने मध्य प्रदेश से अलग करके छत्तीसगढ़ को राज्य का दर्जा दिया तो अजीत जोगी वहां के पहले मुख्यमंत्री बने। उस समय का उनका एक बयान बहुत चर्चित है कि, ‘हां, मैं सपनों को सौदागर हूं और मैं सपने बेचता हूं।’ हालांकि, बाकी के किसी विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता ने उनका सपना खरीदना स्वीकार नहीं किया।
Read More News: टिड्डियों को लेकर सरकार गंभीर, ब्रिटेन से मंगाए जाएंगे स्प्रेयर्स, हेलीकॉप्टर से किया जाएगा
1999 में शहडोल लोकसभा सीट से वह चुनाव हार गए थे, लेकिन उसके बाद जब नया राज्य बना तो स्थानीय कांग्रेस में ऐसा समीकरण बना कि जोगी को सीएम बनने का मौका मिल गया। 2000 से लेकर 2003 के विधानसभा चुनाव तक उनके पास ये पद रहा, लेकिन, फिर से वह इस पद पर वापसी नहीं कर सके। इससे पहले 1986 से 1998 तक उन्हें कांग्रेस ने राज्यसभा में बिठाए रखा था। पहली बार 1998 में रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से वे चुनाव जीते थे।
Read More News: 30 मई तक रहेगा लॉकडाउन, सिर्फ इन दुकानों को खोलने की अनुमति, कलेक्टर ने जारी किया आदेश