इसे ही कहते हैं हाथी निकल गया पूछ रह गई, दिल्ली से पैदल जबलपुर पहुंच गए, घर जाने के पहले पुलिस ने पहुंचा दिया आश्रय स्थल
इसे ही कहते हैं हाथी निकल गया पूछ रह गई, दिल्ली से पैदल जबलपुर पहुंच गए, घर जाने के पहले पुलिस ने पहुंचा दिया आश्रय स्थल
जबलपुर । कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से पूरा देश लॉकडाउन है। दिल्ली में भी सभी तरह के कामकाज बंद है और वहां पर काम करने वाले बाहरी लोग अपने घरों की ओर वापस लौटने के लिए बेताब है, आवागमन का साधन उपलब्ध ना होने की वजह से ज्यादातर लोग दिल्ली में ही रुके हुए हैं,लेकिन दिल्ली में काम करने वाले मंडला जिले के निवासी दो युवक इतने ज्यादा बेसब्र हो गए कि वह 27 मार्च को मंडला के लिए पैदल ही दिल्ली से रवाना हो गए।
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दिल्ली में एक होटल में काम करने वाले सुमन जानगेला और राजू ये दोनों युवक मंडला जाने के लिए पैदल निकल पड़े, लेकिन कुछ दूर जाने के बाद एक वाहन चालक ने उन्हें आगरा मे छोड़ा और आगरा से ग्वालियर, झांसी का सफर तय किया। इस दौरान कभी पैदल चले तो कभी वाहन की मदद भी मिली। दोनों युवक सोमवार की देर रात जबलपुर पहुंचे, जब ये दोनों युवक शहर के ओमती थाना क्षेत्र में पैदल चल रहे थे तभी पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया ।
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युवकों से पूछताछ में वास्तविकता सामने आई,जिसके बाद ओमती थाना प्रभारी ने दोनों युवकों को पहले खाना खिलाया और उसके बाद जिला अस्पताल ले जाकर उनका मेडिकल चेकअप कराया।मेडिकल चेकअप कराने के बाद उन दोनों युवकों ने मंडला जाने की जिद की, लेकिन शासन के नए निर्देशों के अनुसार अब किसी भी दूसरी जिले में प्रवेश प्रतिबंधित किए जाने की वजह से उन्हे जबलपुर में बनाए गए आश्रय स्थल मे भेज दिया गया है। जहां पर उनके रहने और भोजन की व्यवस्था की गई है। अब इन युवकों को लॉक डाउन की अवधि तक आश्रय स्थल में रखा गया है।

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