FIR के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण में जोगी, कहा- अब नहीं दी जा सकती सर्टिफिकेट को चुनौती

FIR के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण में जोगी, कहा- अब नहीं दी जा सकती सर्टिफिकेट को चुनौती

FIR के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण में जोगी, कहा- अब नहीं दी जा सकती सर्टिफिकेट को चुनौती
Modified Date: November 29, 2022 / 07:58 pm IST
Published Date: September 10, 2019 9:02 am IST

बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में उन्होंने खुद के खिलाफ जाति को लेकर दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की है।

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प्रदेश के पूर्व सीएम अजीत जोगी की जाति की जांच को लेकर गठित हाई पावर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी थी, जिसमें उन्हें आदिवासी मानने से इनकार करते हुए बिलासपुर कलेक्टर को अजीत जोगी की जाति से संबंधित दस्तावेज जब्त करने के निर्देश दिए थे और मामले में कानूनी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर बिलासपुर के तहसीलदार ने अजीत जोगी के खिलाफ सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।

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इसी मामले को लेकर अजीत जोगी ने हाईकोर्ट की शरण ली है। अजीत जोगी पर साल 2013 में बनाए गए अधिनियम की धारा 10 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। याचिका में कहा गया है कि उनका जाति प्रमाण पत्र साल 1967 में बना है जिसे वर्ष 2013 में बनाए गए कानून के आधार पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती है। अजीत जोगी ने अपनी याचिका में संविधान के अनुच्छेद 20 (1) का जिक्र करते हुए दर्ज एफआईआर को चुनौती दी है। अजीत जोगी की याचिका पर अगली सुनवाई के लिए फिलहाल कोई तारीख तय नहीं की गई है।

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