RTI के जरिए मांगी जानकारी मिला लव लेटर, देखिए डेढ़ दर्जन प्रेम पत्रों की कहानी | Love letter received information sought through RTI See the story of one and a half dozen love letters

RTI के जरिए मांगी जानकारी मिला लव लेटर, देखिए डेढ़ दर्जन प्रेम पत्रों की कहानी

RTI के जरिए मांगी जानकारी मिला लव लेटर, देखिए डेढ़ दर्जन प्रेम पत्रों की कहानी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : November 27, 2019/11:34 am IST

रायगढ़ । आपने आरटीआई में सरकारी दस्तावेजों की कापियां मिलते तो सुना होगा लेकिन क्या हो जब आप आरटीआई लगाएं और जवाब स्वरूप दिए जा रहे दस्तावेजों में प्रेमपत्र भी शामिल हो। सुनने में अटपटा जरुर लगता है लेकिन

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रायगढ़ जिले के आदिवासी विकास विभाग का ये पूरा वाक्या है। आदिवासी विकास विभाग ने आरटीआई के तहत जानकारी देने में जवाबदेही की सारी हदें पार कर दी। आरटीआई के तहत दी गई जानकारी में दस्तावेजों के साथ साथ एक स्कूली छात्रा का प्रेमपत्र तक दे दिया गया। एक नहीं दो नहीं बल्कि पूरे 17 प्रेम पत्र दस्तावेजों के साथ दिए गए हैं । जिसे जांच कार्रवाई से जुड़ा बताया गया है। मामला सामने आने के बाद आयुक्त ने जांच के आदेश दिए हैं।

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दरअसल लैलूंगा स्थित आदिवासी छात्रावास में रहने वाली कुछ छात्राओं ने जिला प्रशासन को शिकायत की थी, कि छात्रावास अधीक्षिका उन्हें टाइम पर भोजन नहीं देती हैं। इतना ही नहीं भोजन की क्वालिटी भी घटिया है और कई बार इसमें इल्लियां निकली है। मामले की शिकायत मिलने पर तहसीलदार छात्रावास में इंस्पेक्शन के लिए गए थे और जांच कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी थी।

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इस निरीक्षण के कुछ दिनों के बाद लैलूंगा के ही रहने वाले जितेन्द्र ठाकुर ने विभाग में आरटीआई लगाकर हॉस्टल में मिली शिकायत पर जांच की अपडेट मांगी। इस पर आदिवासी विकास विभाग ने जो दस्तावेज दिये उसके साथ हॉस्टल की ही एक स्कूली छात्रा के प्रेम पत्र की फोटो कापी भी दे दी। एक नहीं दो नहीं बल्कि पूरे 17 प्रेम पत्रों की कापी आरटीआई में दी गई है।

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बताया जाता है कि हास्टल अधीक्षिका रोज एक्का ने जांच के दौरान अधिकारियों को जवाब दिया था कि छात्राओं के बैग से प्रेम पत्र उसने बरामद किए हैं, जिसकी वजह से छात्राएं उनका विरोध व शिकायत कर रही हैं। अब मामला सामने आने के बाद बवाल खड़ा हो गया है। खुद शिकायतकर्ता का कहना है कि जो जानकारी दी गई है, उसमें प्रेम पत्र देना आरटीआई के दायरे से बाहर है। इससे छात्रा की निजता का हनन हुआ है और उसका भविष्य भी संकट में है।

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मामला सामने आने के बाद सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं। जांच प्रतिवेदन एसडीएम लैलूंगा को सौंपा गया है। मामले में अधिकारियों का कहना है कि आरटीआई के तहत जांच कार्रवाई की जानकारी मांगी गई थी जो कि विभाग के द्वारा दी गई है। मामला उनके संज्ञान में आया है लिहाजा मामले की जांच कराई जा रही है। जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।