VYAPAM की परीक्षा पास कराने का झांसा देकर पैसे ऐंठने वाले गिरोह के दो और सदस्य चढ़े पुलिस के हत्थे

VYAPAM की परीक्षा पास कराने का झांसा देकर पैसे ऐंठने वाले गिरोह के दो और सदस्य चढ़े पुलिस के हत्थे

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  • Publish Date - August 21, 2019 / 04:49 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:12 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा आयोजित बीएससी नर्सिंग की परीक्षा में पास कराने का झांसा देकर पैसों की डिमांड करने वाले गिरोह के 2 और सदस्यों नीतिश कुमार और रजनीकांत प्रसाद को पुलिस ने धर दबोचा है। बताया जा रहा है कि दोनों आरोपियों को बिहार के नालंदा से गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल दोनों आरोपियों को रिमांड पर भेज दिया गया है। ज्ञात हो कि मामले में गिरोह के 3 सदस्यों को पुलिस 15 दिन पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है और बाकी बचे सदस्यों को पकड़ने अलग-अलग राज्यों में टीम लगी हुई है।

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मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल यानि व्यापमं द्वारा इस साल 16 जून को बीएससी नर्सिंग की परीक्षा ली गई थी। कुछ दिन बाद एक परीक्षार्थी को मोबाइल नंबर 9748205852 से फोन आया। फोन करने वाले शख्स ने खुद का नाम हेमशंकर बताते हुए कहा कि वह व्यापमं में कंप्यूटर ऑपरेटर है और उसे परीक्षा में पास करा देगा , लेकिन इसके बदले उसे पैसे देने होंगे।

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दोनों के बीच डील तय होने के बाद सामने वाले व्यक्ति ने अभ्यर्थी को बाकायदा एसबीआई का एक अकाउंट नंबर भी दिया। इस बातचीत की रिकॉर्डिंग परीक्षार्थी के रिश्तेदार द्वारा व्यापमं के सलाहकार डॉ. प्रदीप चौबे को दी गई। डॉ. चौबे रिकॉर्डिंग सुनकर हैरान हो गए क्योंकि व्यापमं में हेमसागर सूना नाम का कोई व्यक्ति काम ही नहीं करता था। ऐसे में उसे अभ्यर्थी द्वारा परीक्षा दिलाए जाने की जानकारी कैसे मिल गई।

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डॉ. चौबे द्वारा मामले को गंभीर जानकर रिकॉर्डिंग एसपी रायपुर को भेजते हुए संबंधित फोन करने वाले शख्स के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने की मांग की। एसपी द्वारा डॉ. चौबे का शिकायती पत्र और रिकॉर्डिग राखी थाना को भेजते हुए मामले की जांच करने निर्देशित किया गया। 30 जुलाई को राखी पुलिस ने संबंधित हेमसागर सूना के विरुद्ध आईपीसी की धारा 419, 420 के तहत अपराध दर्ज करते हुए विवेचना प्रारंभ की। मामले की विवेचना के दौरान पुलिस को यह ज्ञात हुआ कि हेमसागर सूना एक फर्जी नाम है। यह काम एक अकेले व्यक्ति का नहीं है, बल्कि एक पूरा गिरोह इसमें शामिल है, जो व्यापमं के अभ्यर्थियों का किसी तरह डाटा हासिल कर उन्हें फोन कर पास कराने का झांसा देते हुए अकाउंट में पैसे जमा कराता है और फिर रफूचक्कर हो जाता है। इसके बाद पुलिस ने हाईटेक तरीके से अपराधियों की धरपकड़ शुरू की।

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