दिल्ली में 2020 में हुए दंगे पूर्व नियोजित साजिश थी: उच्च न्यायालय

दिल्ली में 2020 में हुए दंगे पूर्व नियोजित साजिश थी: उच्च न्यायालय

दिल्ली में 2020 में हुए दंगे पूर्व नियोजित साजिश थी: उच्च न्यायालय
Modified Date: November 29, 2022 / 07:49 pm IST
Published Date: September 27, 2021 11:06 pm IST

नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित एक मामले में एक आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि ‘‘शहर में कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए यह पूर्व नियोजित साजिश’’ थी और ये घटनाएं ‘‘पल भर के आवेश में नहीं हुईं।’’

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की कथित हत्या से संबंधित मामले में आरोपी मोहम्मद इब्राहिम द्वारा दाखिल जमानत याचिका पर विचार करते हुए कहा कि घटनास्थल के आसपास के इलाकों में सीसीटीवी कैमरों को व्यवस्थित रूप से नष्ट कर दिया गया।

अदालत ने कहा, ‘‘फरवरी 2020 में देश की राष्ट्रीय राजधानी को हिला देने वाले दंगे स्पष्ट रूप से पल भर में नहीं हुए, और वीडियो फुटेज में मौजूद प्रदर्शनकारियों का आचरण, जिसे अभियोजन पक्ष द्वारा रिकॉर्ड में रखा गया है, स्पष्ट रूप से चित्रित करता है। यह सरकार के कामकाज को अस्त-व्यस्त करने के साथ-साथ शहर में लोगों के सामान्य जीवन को बाधित करने के लिए सोचा-समझा प्रयास था।’’

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इब्राहिम की जमानत याचिका को खारिज करते हुए, अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को तलवार के साथ दिखाने वाला उपलब्ध वीडियो फुटेज ‘‘काफी भयानक’’ था और उसे हिरासत में रखने के लिए पर्याप्त है।

याचिकाकर्ता इब्राहिम को दिसंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में है। उसने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि उसने कभी भी किसी विरोध प्रदर्शन या दंगों में भाग नहीं लिया था।

भाषा देवेंद्र वैभव

वैभव


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