जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए 2022 भारत के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष

जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए 2022 भारत के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष

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  • Publish Date - December 28, 2022 / 05:47 PM IST,
    Updated On - December 28, 2022 / 05:47 PM IST

(गौरव सैनी)

नयी दिल्ली, 28 दिसंबर (भाषा) ग्लासगो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किये गये वादों के अनुरूप भारत ने महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्य निर्धारित किये और 2022 में पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये। साथ ही, मिशन ‘लाइफ’ की शुरूआत की गई और देश में चीता के विलुप्त होने के 70 साल बाद इस वन्य जीव को अफ्रीका से लाकर फिर से बसाया गया।

भारत की आजादी के 75वें वर्ष में देश में एशिया का सबसे बड़ा रामसर नेटवर्क स्थापित किया गया, एक बार इस्तेमाल में लाई जाने वाली प्लास्टिक की वस्तुओं को प्रतिबंधित किया गया और वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन अधिनियम 2022 पारित किया गया, ताकि विलुप्तप्राय प्रजाति के संरक्षण को मजबूत किया जा सके और वन्यजीव के अवैध व्यापार के लिए सजा बढ़ाई जा सके।

सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत वायु प्रदूषण में कमी लाने के लक्ष्यों को मजबूत किया है और दिल्ली-एनसीआर में सर्दियों के दौरान प्रदूषण से निपटने के लिए एक व्यापक नीति लागू की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के साथ अक्टूबर में मिशन ‘लाइफ’ की शुरूआत की, जो एक वैश्विक योजना है। इसका लक्ष्य पृथ्वी को जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभावों से बचाना है।

भारत ने अपने राष्ट्रीय जलवायु लक्ष्यों (एनडीसी) को अगस्त 2022 में अद्यतन किया।

देश अब उत्सर्जन तीव्रता को 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 45 प्रतिशत तक घटाने के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि पहले यह लक्ष्य (2005 के उत्सर्जन स्तर की तुलना में) 33-35 प्रतिशत था।

भारत ने मिस्र के शर्म अल शेख में सीओपी27 में 2070 तक शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपनी दीर्घावधि योजना सौंपी थी।

मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 17 सितंबर को आठ नामीबियाई चीतों को लाया जाना इस साल भारत की वन्यजीव संरक्षण कोशिशों के केंद्र में रहा।

सरकार ने हाल में संसद में कहा था कि गुजरात के बरडा वन्यजीव अभ्यारण्य की पहचान एशियाई शेरों के दूसरे संभावित आश्रय के रूप में की गई है।

संसद ने वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2022 भी पारित किया, जो संरक्षित क्षेत्रों के बेहतर प्रबंधन के तहत वन्यजीव के संरक्षण का प्रावधान करता है।

विधेयक ने ‘सीआईटीईएस’ के तहत भारत के दायित्वों को भी प्रभावी बनाया है। विलुप्तप्राय वन्य जीवों और पौधों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार से प्रजातियों को खतरा पैदा नहीं होने देने के लिए यह सरकारों के बीच एक समझौता है।

प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के तहत भारत ने एक जुलाई से 19 एसयूपी (एक बार इस्तेमाल में लाई जाने वाली प्लास्टिक) वस्तुओं को प्रतिबंधित कर दिया। इनमें ईयरबड, गुब्बारे के लिए प्लास्टिक की छड़ें, झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, ट्रे, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर और स्टिरर रैपिंग या पैकेजिंग शामिल हैं।

केंद्र ने एनसीएपी के दायरे में आने वाले शहरों में धूल कणों का सकेंद्रण 2026 तक 40 प्रतिशत घटाने का एक नया लक्ष्य भी निर्धारित किया। पहले यह लक्ष्य 2024 तक 20 से 30 प्रतिशत के बीच था।

भाषा सुभाष माधव

माधव