लोकसभा में 433 निजी विधेयक चर्चा के लिये लंबित, सांसदों की उचित महत्व दिये जाने की मांग |

लोकसभा में 433 निजी विधेयक चर्चा के लिये लंबित, सांसदों की उचित महत्व दिये जाने की मांग

लोकसभा में 433 निजी विधेयक चर्चा के लिये लंबित, सांसदों की उचित महत्व दिये जाने की मांग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:17 PM IST, Published Date : May 15, 2022/8:09 pm IST

(दीपक रंजन)

नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) संसद के निचले सदन लोकसभा में लंबित निजी विधेयकों की संख्या लगातार बढ़ रही है जो लंबे समय से सदन में चर्चा के इंतजार में हैं । इसके साथ ही इन विधेयकों को पेश करने वाले विभिन्न दलों के लोकसभा सदस्यों ने निजी विधेयकों को उचित महत्व दिए जाने की मांग की है क्योंकि पूर्व में भी ऐसे विधेयक क्रांतिकारी बदलाव लाने में मददगार साबित हुए हैं।

लोकसभा सचिवालय के 11 मई 2022 को जारी बुलेटिन के अनुसार, ‘‘17वीं लोकसभा के आठवें सत्र की समाप्ति पर निचले सदन में 433 निजी विधेयक लंबित थे जबकि 152 निजी विधेयक को पेश करने के लिये नोटिस प्राप्त हुए । ’’

गौरतलब है कि संसद सत्र के चालू रहने के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा में प्रत्येक शुक्रवार को दोपहर बाद का समय निजी विधेयक पेश करने और पहले से पेश विधेयकों पर चर्चा के लिए तय होता है।

इस विषय पर रिवोल्यूशरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के सांसद एन के प्रेमचंद्रन ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा कि सांसदों के निजी विधेयकों को उचित महत्व दिया जाना चाहिए। इस परंपरा की अपनी अलग महत्ता एवं प्रभाव है लेकिन इसके लिये कम समय मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक शुक्रवार को सदन में दोपहर बाद का समय निजी विधेयकों के लिए निर्धारित होता है और जब तक कोई अभूतपूर्व स्थिति न हो, तब तक इस समय में कोई कटौती नहीं की जानी चाहिए ।

जनता दल (यू) के आलोक सुमन ने कहा कि सरकारी विधेयकों के अलावा सदस्यों को व्यक्तिगत रूप से विधेयक पेश करने का अधिकार है जो संसदीय प्रणाली का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। ऐसे में निजी विधेयक को उचित महत्व एवं चर्चा के लिये पर्याप्त समय मिलना चाहिए ।

पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के अनुसार, 13 वीं लोकसभा के दौरान 343 निजी विधेयक पेश किए गए लेकिन इनमें से सिर्फ़ 17 पर विचार हुआ । इसी प्रकार, 14वीं लोकसभा में 328 निजी विधेयक पेश हुए एवं 14 पर विचार हुआ, 15वीं लोकसभा में 372 विधेयक पेश किए गए और केवल 11 पर ही विचार हुआ। 16वीं लोकसभा के पहले साल में 900 से अधिक निजी विधेयक पेश किए गए ।

निजी विधेयकों के इतनी भारी संख्या में लंबित रहने पर विधि विशेषज्ञ इसके लिये संसद सत्र की अवधि में कमी को जिम्मेदार मानते हैं जो पूर्व के 120 दिन की तुलना में घटकर अब करीब 80 दिन रह गयी है।

लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, निचले सदन में लंबित निजी विधेयकों में शशि थरूर का गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम निरसन विधेयक, मलूक नागर का छोटे राज्यों के गठन के लिये राष्ट्रीय आयोग गठित करने संबंधी विधेयक, सुशील कुमार सिंह का समान नागरिक संहिता विधेयक, निशिकांत दुबे का जनसंख्या नियंत्रण विधेयक, डीन कुरियाकोस का ऑनलाइन गेमिंग नियमन विधेयक, आलोक सुमन का काम का अधिकार विधेयक, राजेन्द्र अग्रवाल का जनसंख्या स्थिरिकरण एवं नियंत्रण विधेयक हैं ।

इनमें सुप्रिया सुले का विशेष विवाह संशोधन विधेयक, मनीष तिवारी का हिन्दू विवाह संशोधन विधेयक, एम के राघवन का सार्वभौम स्वास्थ्य बीमा विधेयक, पुष्पेंन्द्र सिंह चंदेल का आवारा घूमने वाली गायों की सुरक्षा एवं नियंत्रण बोर्ड विधेयक, रमेश बिधुड़ी का शैक्षणिक संस्थानों में नैतिक शिक्षा के रूप में अनिवार्य रूप से भागवत गीता की शिक्षा प्रदान करने संबंधी विधेयक आदि शामिल हैं ।

भारत में 1952 से दोनों सदनों द्वारा केवल 14 निजी सदस्य विधेयक पारित किए गए हैं। दिलचस्प है कि इनमें भी छह विधेयक तब पास हुए, जब पंडित जवाहर लाल नेहरू सत्ता में थे। ऐसी विधायी पहल की अहमियत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि राजमाता कमलेंदु की ऐसी ही पहल से महिला और बच्चों का संस्थान (लाइसेंसिंग) अधिनियम सामने आया, जिसका महिलाओं या बच्चों की देखभाल, सुरक्षा और कल्याण के लिहाज से खासा महत्व है। वर्ष 1956 में फिरोज गांधी ने प्रेस की आजादी को सुरक्षित करने के लिए प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया था। आगे चलकर इस बिल ने संसदीय कार्यवाही (संरक्षण और प्रकाशन) कानून (1956) की शक्ल ली।

हालांकि, द्रमुक सांसद तिरूचि शिवा द्वारा ट्रांसजेंडर समुदाय से संबंधित विषय पर पेश निजी विधेयक को वर्ष 2015 में राज्यसभा में मंजूरी मिली थीं।

सांसदों का कहना है कि आदर्श रूप से हमें निजी सदस्यों के विधेयकों को सुनने और उन्हें मतदान के लिए सक्षम बनाने का एक प्रोत्साही तंत्र स्थापित करना चाहिए।

भाषा दीपक

नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)