कोलकाता, 29 नवंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्धमान जिले में एक अधेड़ महिला ने कथित तौर पर आत्मदाह कर लिया। उसके परिजनों ने दावा किया है कि चार नवंबर से शुरू हुए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के कारण वह गंभीर मानसिक तनाव में थी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने परिवार के सदस्यों के हवाले से बताया कि अविवाहित मुस्तारा खातून काजी (50) अपने माता-पिता के साथ रहती थीं। वह 2002 की मतदाता सूची में नाम होने के बावजूद जारी एसआईआर सत्यापन को लेकर काफी चिंतित थीं।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमने उसे बार-बार आश्वस्त करने की कोशिश की कि उसे दस्तावेज प्रक्रिया में कोई कठिनाई नहीं होगी और उसने शुक्रवार को अपना गणना प्रपत्र भी जमा कर दिया था, लेकिन वह तनाव में थी। परिवार के सदस्यों ने देर रात आग की लपटें देखीं और उसे बचाने के लिए दौड़े। उसे भाटर ब्लॉक अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।’
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और कहा है कि उसकी मौत से जुड़ी परिस्थितियों की जांच जारी है।
घटना पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए भाटर ग्राम पंचायत सदस्य सैफुल हक ने कहा, ‘उसे बार-बार कहा गया कि डरने की कोई बात नहीं है। फिर भी वह गंभीर मानसिक तनाव में थी।’
हक ने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि एसआईआर प्रक्रिया जल्दबाजी और अनियोजित तरीके से शुरू की गई, जिसके परिणामस्वरूप कमजोर नागरिकों में भ्रम, घबराहट और मनोवैज्ञानिक संकट पैदा हो गया।
बाद में स्थानीय विधायक मंगोबिंद अधिकारी ने परिवार से मुलाकात की और चेतावनी दी कि यदि ऐसी घटनाएं दोबारा हुईं तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे।
भाषा
शुभम संतोष
संतोष