7th Pay Commission news: 2 अप्रैल 2024 को जारी कार्यालय ज्ञापन (ऑफिस मेमोरैंडम) के अनुसार, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध अलाउंसेंज (भत्ता) पर कई अहम बदलाव किए हैं। जैसा कि केंद्रीय कर्मचारियों को आवास, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य और यात्रा खर्चे समेत कई अन्य भत्ते मिलते हैं। 2016 के मूल्यांकन और सिफारिशों के अनुरूप, 7वें वेतन आयोग ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के साथ-साथ रेलवे कर्मचारियों, नागरिक रक्षा कर्मचारियों और रक्षा कर्मियों को प्रदान किए गए सभी लाभों की समीक्षा की।
जिसके बाद केंद्र सरकार द्वारा इन 6 भत्तों में बदलाव किया गया है- बाल शिक्षा भत्ता, रिस्क (जोखिम) भत्ता, रात्रि ड्यूटी भत्ता {(Night Duty Allowance (NDA)}, ओवर टाइम भत्ता (OTA), संसद सहायकों को मिलने वाले विशेष भत्ता और दिव्यांग महिलाओं को बच्चों की देखभाल के लिए मिलने वाले विशेष भत्ते।
बालको यानि बच्चों के शिक्षा भत्ते (CEA) की कई खासियतें हैं। इन भत्ते को दो सबसे बड़े बच्चों के लिए क्लेम किया जा सकता है। इसमें हर महीने के लिए 6,750 रुपये की हॉस्टल सब्सिडी भी फ्री मिलती है। वहीं इन कर्मचारियों के दिव्यांग बच्चों को प्रति महीने मिलने वाले सामान्य CEA रेट के मुकाबले यह भत्ता दोगुना हो जाता है। CEA रेट उस समय 25 प्रतिशत बढ़ जाता है जब कभी रिवाइज किए गए पे स्ट्रक्चर के डियरनेस अलाउंसेज (DA) में 50 फीसदी तक बढ़ोत्तरी होती है। यह भत्ता 12वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए मिलता है।
नाइट ड्यूटी अलाउंस (NDA) को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। नाइट ड्यूटी का मतलब रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक किए जाने वाला काम है। नाइट ड्यूटी में हर एक घंटे में 10 मिनट की छूट मिलती है। बता दें कि NDA की पात्रता के लिए बेसिक पे की लिमिट हर महीने 43,600 रुपये रखी गई है।
सरकार द्वारा 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, OTA के बारे में कुछ फैसले किए गए हैं। मंत्रालयों/विभागों को ‘ऑपरेशनल स्टाफ’ की कैटिगिरी में आने वाले स्टाफ की एक सूची तैयार करने का काम दिया गया है। जिसमें ओवरटाइम अलाउंस की दरों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। ओटीए के अनुदान को बायोमीट्रिक उपस्थिति से लिंक किया जा सकता है, इसका उद्देश्य इस प्रक्रिया को ज्यादा बेहतर करना और ओवरटाइम वर्क अरेंजमेंट में जवाबदेही को सुनिश्चित करना है।
7वीं सीपीसी की सिफारिशों के आधार पर सरकार के फैसले के बाद जोखिम भत्ते में संशोधन किया गया है। यह भत्ता उन केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को मिलता है जो खतरनाक कामों में लगे या जिनसे उनके स्वास्थ्य पर समय के साथ खराब प्रभाव पड़ सकता है। जोखिम भत्ते को किसी भी उद्देश्य के लिए “वेतन” नहीं माना जाता है, जिससे मुआवजे के स्ट्रक्चर के तहत इसके कैटिगराइजेशन (वर्गीकरण) के जुड़ी स्पष्टता सुनिश्चित होती है।
दिव्यांग महिला कर्मचारियों खासतौर पर जिनके बच्चे छोटे या दिव्यांग हैं, उनके लिए यह विशेष भत्ता शुरू किया गया है।दिव्यांग महिलाओं को बच्चों की देखभाल के लिए 3000 रुपये प्रति महीने का विशेष भत्ता मिलेगा। यह भत्ता बच्चे के जन्म से उनके दो साल तक होने तक दिया जाएगा। बता दें कि इस भत्ते की सीमा को उस समय 25 प्रतिशत तक बढ़ा दिया जाएगा जब पे स्ट्रक्चर में डियरनेस अलाउंस 50 फीसदी तक बढ़ता है।
7th CPC की सिफारिशों के आधार पर संसद सहायकों को मिलने वाले विशेष भत्ते को बढ़ाने का फैसला सरकार ने किया है। संसद सत्र के दौरन पूरी तरह से संसद के कामों में लगे लोगों के लिए विशेष भत्ते की दरों में मौजूदा दरों के मुकाबले 50 फीसदी की वृद्धि की गई है। यह भत्ता हर उस कैलेंडर माह के लिए पूरे रेट्स पर दिया जाएगा जिसमें कम से कम 15 दिन संसद सत्र चला हो। वहीं छोटी अवधि वाले महीनों के लिए, इसे पूरे महीने के लिए निर्धारित दरों से आधी दरों पर स्वीकार्य होगा।
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