‘प्रधानमंत्री-टीबी मुक्त भारत अभियान’ के तहत गोद लिए गए 9.5 लाख टीबी मरीज

‘प्रधानमंत्री-टीबी मुक्त भारत अभियान’ के तहत गोद लिए गए 9.5 लाख टीबी मरीज

‘प्रधानमंत्री-टीबी मुक्त भारत अभियान’ के तहत गोद लिए गए 9.5 लाख टीबी मरीज
Modified Date: November 29, 2022 / 07:57 pm IST
Published Date: September 17, 2022 10:41 pm IST

नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) 2030 से पांच साल पहले टीबी को खत्म करने के उद्देश्य से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नौ सितंबर को शुरू ‘प्रधानमंत्री-टीबी मुक्त भारत अभियान’ के तहत 9.5 लाख से अधिक तपेदिक रोगियों को देखभाल के लिए अपनाया गया है।

इस कार्यक्रम के तहत तपेदिक रोगियों की विशेष व्यक्ति, निर्वाचित प्रतिनिधियों या संस्थानों के संरक्षण में देखभाल की जाएगी। एक अधिकारी ने कहा कि नि-क्षय पोर्टल 2.0 पर ‘नि-क्षय मित्र’ (टीबी रोगी की देखभाल करने वाले) के तहत 15,415 पंजीकरण कराए गए हैं, जिसमें व्यक्ति, संगठन, उद्योग और निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल हैं।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में वर्तमान में इलाज के लिए बहु-दवा प्रतिरोधी सहित कुल 13,53,443 टीबी रोगियों में से 9.57 लाख रोगियों ने देखभाल के लिए अपनाए जाने को लेकर अपनी सहमति दी है और उनमें से लगभग सभी (9,56,352) को शनिवार तक देखभाल के लिए अपनाया जा चुका है।

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सरकार का लक्ष्य 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन तक सभी सहमति वाले टीबी रोगियों का संरक्षण सुनिश्चित करना है।

टीबी के मरीजों की देखभाल के लिए आगे आने वाले लोगों और संस्थाओं को ‘‘नि-क्षय मित्र’’ कहा जाएगा। लोग प्रखंड, जिलों को अपना सकते हैं या किसी मरीज को देखभाल के लिए अपना सकते हैं और उन्हें ठीक होने में मदद करने के लिए पोषण तथा उपचार सहायता प्रदान कर सकते हैं।

चार-आयामी समर्थन में पोषण, अतिरिक्त निदान, अतिरिक्त पोषक तत्वों की खुराक और व्यावसायिक सहायता शामिल है। मरीजों की देखभाल करने वाले दानकर्ताओं में हितधारक, निर्वाचित प्रतिनिधि, राजनीतिक दलों से लेकर कॉरपोरेट, गैर सरकारी संगठन, संस्थान शामिल हो सकते हैं।

कार्यक्रम के तहत, प्रत्येक तपेदिक रोगी के लिए तीन किलोग्राम चावल, 1.5 किलोग्राम दाल, 250 ग्राम वनस्पति तेल और एक किलोग्राम दूध पाउडर या छह लीटर दूध अथवा एक किलोग्राम मूंगफली युक्त मासिक भोजन की सिफारिश की गई है। एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार, इसमें तीस अंडे भी जोड़े जा सकते हैं।

अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में 65 से 70 प्रतिशत टीबी के मरीज 15 से 45 वर्ष के आयु वर्ग के हैं। एक टीबी के मरीज को अतिरिक्त सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता की न्यूनतम अवधि एक वर्ष होगी। हालांकि, इसे दो या तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है। अधिकारी ने कहा कि यह एक स्वैच्छिक पहल है।

भाषा आशीष देवेंद्र

देवेंद्र


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