Cigarette Price Hike: सिगरेट और गुटखा के शौकीनों को बड़ा झटका! अब कीमतों में हो सकती है इतनी बढ़ोतरी, मोदी सरकार बनाने जा रही ये कानून
सिगरेट और गुटखा के शौकीनों को बड़ा झटका! A big blow to cigarette and gutkha lovers! Prices will now rise this much
Cigarette Price Hike. Image Source- IBC24 Archive
नई दिल्ली। Cigarette Price Hike: आने वाले दिनों में सिगरेट, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पाद काफी महंगे होने वाले हैं। केंद्र सरकार इन हानिकारक उत्पादों पर लगने वाले क्षतिपूर्ति सेस की जगह नए रूप में अधिक कर वसूली की तैयारी कर चुकी है। इसी उद्देश्य से सरकार ने सोमवार को भारत की संसद में सेंट्रल एक्साइज (संशोधन) बिल 2025 और स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा सेस संबंधित बिल पेश किया।
क्षतिपूर्ति सेस अगले साल मार्च में खत्म
वर्तमान में तंबाकू, सिगरेट और पान मसाला पर 28% जीएसटी के साथ क्षतिपूर्ति सेस भी वसूला जाता है। यह सेस मार्च 2025 में समाप्त होने वाला है और इसके बाद कानूनी रूप से सरकार इसे जारी नहीं रख सकेगी। ऐसे में राजस्व पर संभावित कमी को देखते हुए केंद्र नए कानून के तहत अतिरिक्त टैक्स की व्यवस्था करना चाहती है।
मशीन व उपकरणों पर लगेगा नया सेस
Cigarette Price Hike: सरकार का नया प्रस्ताव यह है कि स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा सेस अब तंबाकू व पान मसाला के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली मशीनों और उपकरणों पर लगाया जाएगा। खास बात यह कि यह सेस मशीन की उत्पादन क्षमता के आधार पर लगेगा, वास्तविक उत्पादन के आधार पर नहीं। यानी यदि मशीन की क्षमता 100 यूनिट है और उत्पादन 50 यूनिट ही हुआ है, तब भी सेस 100 यूनिट के हिसाब से लगेगा।
एक्साइज ड्यूटी में भारी बढ़ोतरी
- नए कानून के तहत सिगरेट व तंबाकू उत्पादों पर एक्साइज ड्यूटी में भी बड़ी बढ़ोतरी प्रस्तावित है—
- सिगार पर टैक्स: अभी 12% या 1000 पीस पर 4006 रुपए (जो अधिक हो) लगता है। अब इसे 25% या 5000 रुपए करने का प्रस्ताव है।
- 65 मिमी सिगरेट: 1000 पीस पर 440 रुपए से बढ़ाकर 3000 रुपए।
- 65–70 मिमी फिल्टर सिगरेट: 440 रुपए की जगह 5200 रुपए।
- 70 मिमी से बड़ी सिगरेट: 545 रुपए प्रति 1000 की जगह 7000 रुपए टैक्स का प्रस्ताव।
जीएसटी संरचना में भी बदलाव की तैयारी
सितंबर में लागू नई जीएसटी दरों के तहत 28% स्लैब हटाकर 40% का नया स्लैब बनाया गया है। हालांकि तंबाकू व पान मसाला अभी भी 28% पर हैं। इन्हें 40% में कब शामिल किया जाएगा, इसका फैसला जीएसटी काउंसिल की चेयरपर्सन व वित्त मंत्री लेंगी।
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