Police Constable Teacher: बिजनौर। उत्तर प्रदेश पुलिस पूरी जिम्मेदारी से जनता की सेवा और सुरक्षा में जुटी रहती है। लेकिन, यूपी पुलिस का एक ऐसा जवान भी है, जो पिछले कई साल से घंटों ड्यूटी करने के बाद गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देता है। पुलिस के इस जवान ने सभी के सामने एक मिशाल पेश की है। वे हर रोज अपना कर्तव्य निभाने के बाद शाम को गरीब बच्चों को शिक्षा देते है। कॉन्सटेबल की नेक पहल को देखते हुए डीआईजी मुरादाबाद से उन्हें सम्मान भी मिल चुका है। दरअसल, पुलिस कांस्टेबल विकास कुमार ने ज्वाइनिंग के बाद से ही छात्रों को मुफ्त में पढ़ाने के फैसला किया। उनका यही बड़ा फैसला अब समाज में वाहवाही का पात्र बना हुआ है।
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Police Constable Teacher: पूरी जिम्मेदारी से जनता की सेवा और सुरक्षा में जुटा यूपी पुलिस का एक कांस्टेबल कई सालों से घंटों ड्यूटी करने के बाद गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देते आ रहे है। वहीं, ड्यूटी के साथ-साथ गरीब बच्चों को पढ़ा कर शिक्षा की अलख जगा रहे कांस्टेबल विकास कुमार के इस काम से विभाग के अधिकारी भी अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक कांस्टेबल की इस विकास की पाठशाला में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके पास पैसों का अभाव है, लेकिन उनका सपना है कि वह पढ़-लिखकर कुछ अच्छा काम करें।
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Police Constable Teacher: बता दें कि कांस्टेबल विकास कुमार सहारनपुर के गांव कुरलकी खुर्द के रहने वाले हैं। विकास कुमार ने अपने गांव में 2014 से ऐसे गरीब बच्चों को पढ़ाना शुरू किया, जो गरीबी के चलते स्कूलों में शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे थे और वह किताबों का खर्च उठाने में सक्षम नहीं थे। पुलिस की ट्रेनिंग के बाद विकास कुमार की पोस्टिंग बिजनौर जिले में हुई। मौजूदा समय में विकास बिजनौर के थाना मंडावली के डायल-112 में तैनात हैं। उनके समय में आर्थिक स्थिति अच्छी न होने की वजह से उन्होंने गरीब बच्चों को पढ़ाने का मन बना लिया। वह अब खुद बच्चों को हर सब्जेक्ट पढ़ाते हैं।
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Police Constable Teacher: यूपी के अलावा उत्तराखंड के रुड़की में भी पांच पाठशालाएं खोलीं औऱ बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। हर पाठशाला में करीब 150 बच्चे हैं, जिन्हें सात-आठ टीचर हर पढ़ाते हैं. इन पाठशालाओं में बच्चों को सभी सब्जेक्ट्स पढ़ाए जाते हैं। विकास कुमार की पाठशाला के जरिए अब तक 15 -20 स्टूडेंट्स पुलिस और रेलवे विभाग में शिक्षक बन चुके हैं।
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5 hours ago