MP Assembly Session: भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का दूसरा दिन हंगामेदार रहा। कांग्रेस ने सालों बाद आज अपनी ताकत विधानसभा में दिखाई। हालात ये बने कि पोषण आहार के जिस एजेंडे पर कांग्रेस बीजेपी सरकार को घेरने की तैयारी मे थी। उस एजेंडे को सत्र के शुरुआत में खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ही सफाई देने का ऐलान कर दिया। लेकिन कांग्रेस 139 और स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से पोषण आहार पर बहस के लिए अड़ गई।
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MP Assembly Session: मंत्री गोपाल भार्गव और पूर्व मंत्री बाला बच्चन के बीच तीखी बहस हुई। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने भाजपा विधायक पर कांग्रेस विधायक के साथ धक्का-मुक्की करने और मारपीट के आरोप लगाए। इस पर गृहमंत्री बोले कि हमारे विधायक की कॉलर पकड़ी गई, यह सहन नहीं करेंगे। गोविंद सिंह ने कहा कि यह तानाशाही है, ये सदन नहीं चलाना चाहते। इस पर नरोत्तम बोले, ये बाहर जाकर गाल बजाते हैं। काफी शोर-शराबे के बीच दोपहर पौने 1 बजे विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
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MP Assembly Session: इसके बाद कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए तख्तियां लेकर सदन के अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें पुलिस जवानों ने रोका। कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ बदतमीजी की और उनकी कॉलर पकड़ी। जिसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा, बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने हमारे आदिवासी विधायक पांचीलाल मेढ़ा की कॉलर पकड़ी और उन्हें धक्का दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने मामले की जांच कराकर दो दिन में रिपोर्ट सदन में पेश करने को कहा। हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष ने कक्ष में आकर विपक्ष के विधायकों से बात करने को भी कहा।
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MP Assembly Session: दरअसल, पोषण आहार पर हंगामे के दौरान नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि मुझे एक उदाहरण दे दीजिए, पहले कभी स्थगन के पहले चर्चा हुई हो। इस पर कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा- जो 15 स्थगन प्रस्ताव लगे हैं, उस पर चर्चा करा लीजिए। उसके बाद सीएम की बात सुन लेंगे। हंगामे के बीच सीएम ने भाषण जारी रखा। सीएम बोले- ये कैग की रिपोर्ट नहीं, सिर्फ एक ड्राफ्ट है। रिपोर्ट में गड़बड़ी मिलती है तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे। चाहे गड़बड़ी किसी के भी कार्यकाल में हुई हो। इसके बाद कांग्रेसी आसंदी के सामने धरने पर बैठ गए। इस बीच गृहमंत्री ने अध्यादेश पढ़ा।
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