दिल्ली में एक अगस्त को ‘मॉक ड्रिल’ का आयोजन होगा, तैयारियों को परखा जाएगा

दिल्ली में एक अगस्त को ‘मॉक ड्रिल’ का आयोजन होगा, तैयारियों को परखा जाएगा

दिल्ली में एक अगस्त को ‘मॉक ड्रिल’ का आयोजन होगा, तैयारियों को परखा जाएगा
Modified Date: July 27, 2025 / 10:17 pm IST
Published Date: July 27, 2025 10:17 pm IST

नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भूकंप और रासायनिक विपदा जैसी बड़ी आपदाओं की स्थिति में आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमताओं को मजबूत करने के उद्देश्य से एक ‘मॉक ड्रिल’ का आयोजन किया जाएगा। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि यह अभ्यास 29 जुलाई को आपदा जोखिम और रणनीतिक तैयारियों पर एक उच्च-स्तरीय संगोष्ठी के साथ शुरू होगा। 30 जुलाई को एक टेबलटॉप अभ्यास (टीटीईएक्स) आयोजित किया जाएगा ताकि आपदा प्रबंधक नियंत्रित वातावरण में अपनी प्रतिक्रिया योजनाओं का परीक्षण कर सकें।

अधिकारियों ने बताया कि एक अगस्त को होने वाला पूर्ण रूप से व्यापक स्तर का ‘मॉक ड्रिल’ अंतिम चरण होगा, जिसमें योजना को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित किया जाएगा।

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अधिकारियों ने कहा कि यह क्षेत्र-स्तरीय अभ्यास राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आपातकालीन प्रतिक्रिया संबंधी तालमेल को बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए बहु-एजेंसी ‘अभ्यास सुरक्षा चक्र’ के समापन का प्रतीक होगा। यह दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 18 जिलों को कवर करेगा।

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने कहा कि यह ‘मॉक ड्रिल’ एक बड़े भूकंप परिदृश्य का अनुकरण करेगी और वास्तविक समय की तैयारियों, अंतर-एजेंसी समन्वय और जन प्रतिक्रिया तंत्र को परखेगी।

दिल्ली के सभी 11 जिलों में ‘मॉक ड्रिल’ को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं।

डीडीएमए की एक सलाह में कहा गया है कि बड़ी आपदाओं से निपटने में सक्षम एक लचीले शहर के निर्माण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

इसने नागरिकों से अभ्यास के दौरान पूर्ण सहयोग करने और घबराने से बचने का आग्रह किया। इसने कहा कि यह एक नियोजित अभ्यास है और कोई वास्तविक आपात स्थिति नहीं है।

इस अभ्यास के दौरान, निवासियों को एम्बुलेंस, दमकल गाड़ियों, पुलिस वैन और सेना के ट्रकों सहित आपातकालीन वाहनों की आवाजाही में वृद्धि देखने को मिल सकती है।

अभ्यास शुरू होने का संकेत देने के लिए सायरन और सार्वजनिक संबोधन प्रणालियों का उपयोग किया जा सकता है।

परामर्श में कहा गया है कि कमान चौकियां, मंचन क्षेत्र, राहत शिविर और चिकित्सा सहायता चौकियां जैसी अस्थायी सुविधाएं भी स्थापित की जाएँगी।

परामर्श में आगे कहा गया है कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सशस्त्र बल, नागरिक सुरक्षा, दिल्ली पुलिस और अन्य हितधारकों की टीमें बचाव अभियान, हताहतों को निकालने और छद्म पीड़ितों को चिकित्सा सहायता प्रदान करेंगी।

दिल्ली के 11 राजस्व जिलों के अलावा, यह अभ्यास हरियाणा में गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नूंह और रेवाड़ी तथा उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर को कवर करेगा।

भाषा संतोष नरेश

नरेश


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