नई दिल्लीः SarkarOnIBC24 ऑपरेशन सिंदूर को लेकर मचे सियासी घमासान से पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा को बेनकाब करने के लिए बने जिस डेलीगेशन को तैयार किया गया है, उसे लेकर कांग्रेस ने कई सवाल पूछे हैं। मसलन शशि थरूर का नाम क्यों है? कांग्रेस के और नेताओं का नाम लिस्ट में क्यों नहीं है ? क्या है पूरा विवाद और क्या है नया अपडेट समझते हैं इस खबर के जरिए..
SarkarOnIBC24 ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना का शौर्य बताने के लिए भारत सरकार ने अळग-अलग पार्टी के 7 सांसदों के नेतृत्व में डेलिगेशन बनाया है। केंद्र सरकार ने 59 सदस्यों वाले डेलिगेशन की घोषणा की है। इसमें 51 नेता और 8 राजदूत हैं। NDA के 31 और 20 दूसरे दलों के हैं, जिसमें 3 कांग्रेस नेता भी हैं। ये डेलिगेशन दुनिया के बड़े देशों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों का दौरा करेगा। इस डेलिगेशन को 7 ग्रुप में बांटा गया है। हर ग्रुप में एक सांसद को लीडर बनाया गया है। प्रत्येक ग्रुप 8 से 9 सदस्य हैं। इनमें 6-7 सांसद, सीनियर लीडर (पूर्व मंत्री) और राजदूत शामिल हैं। सभी डेलिगेशन में कम से कम एक मुस्लिम प्रतिनिधि को रखा गया है। चाहे वो राजनेता हो या राजदूत हो। कांग्रेस सांसद शशि थरूर को अमेरिका सहित 5 देश जाने वाले डेलिगेशन की कमान सौंपी गई है।
अब कांग्रेस का कहना है कि उसने केंद्र को 4 कांग्रेस के नेताओं का नाम दिया था लेकिन उनमें से केंद्र ने केवल आनंद शर्मा का नाम ही शामिल किया है, जबकि शशि थरूर का नाम तो उसने प्रपोज भी नहीं किया था। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पर लिखा कि 16 मई संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी से बात की थी। उन्होंने विदेश भेजे जाने वाले डेलिगेशन के लिए 4 सांसदों का नाम मांगा था। कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार के नाम दिए थे।’ जयराम रमेश ने यहां तक कह दिया कि शशि थरूर जो बोलते हैं वो पार्टी की राय नहीं होती।
इधर शशि थरूर ने कहा कि डेलीगेशन चुनने का फैसला पूरी तरह से केंद्र सरकार का था और कांग्रेस पार्टी ने अपने नाम भेजे थे जो उनका अधिकार था और उन्हें इन दोनों के बारे कोई जानकारी नहीं थी। शशि थरूर ने कहा कि वो देश के लिए हमेशा उपलब्ध हैं। सरकार की ओर से जारी की गई लिस्ट में कांग्रेस से शशि थरूर, बीजेपी से रविशंकर प्रसाद, JDU से संजय कुमार झा, बीजेपी से बैजयंत पांडा, डीएमके से कनिमोझी करुणानिधि और एनसीपी से सुप्रिया सुले के साथ शिवसेना के श्रीकांत एकनाथ शिंदे शामिल हैं। कांग्रेस को आपत्ति है कि उसने जो नाम दिए उसे शामिल नहीं किया गया। कुल मिलाकर कांग्रेस की तरफ से शशि थरूर को चुनकर बीजेपी ने कांग्रेस को ही असमंजस में डाल दिया है। बीजेपी को शशि थरूर से ऐतराज नहीं है। शशि थरूर को सरकार की तरफ से विदेश में बोलने पर एतराज नहीं है, लेकिन कांग्रेस को ऐतराज है कि पार्टी की तरफ से भेजे गए 4 नामों में से किसी एक को न चुनकर शशि थरूर को क्यों चुना गया है।