Delhi Service Bill : AAP सांसद संदीप पाठक ने भी लगाईं मोदी सरकार को लताड़, कहा पहली बार पलटा गया सुप्रीम कोर्ट का फैसला..
केंद्र ने 19 मई को अध्यादेश जारी किया था जो दिल्ली में ग्रुप ए अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग के लिए प्राधिकरण से संबंधित है। यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ दिनों बाद लाया गया था कि दिल्ली की निर्वाचित सरकार का कानून और व्यवस्था, पुलिस और भूमि के मामलों को छोड़कर अन्य सेवाओं पर नियंत्रण है।
AAP MP Sandeep Pathak on Delhi Service Bill
नई दिल्ली: दिल्ली सर्विस बिल पारित किये जाने पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने भी केंद्र की मोदी सरकार को लताड़ लगाईं है। (AAP MP Sandeep Pathak on Delhi Service Bill) न्यूज एजेंसी एएनआई से हुई बातचीत में पाठक ने कहा प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा के जरिए देश को संदेश देना चाह रहे हैं कि अगर आपने मुझे वोट नहीं दिया तो मैं इस तरह बिल के जरिए सरकार पर कब्जा कर लूंगा। ये लोकतंत्र पर प्रहार है और ये बिल असंवैधानिक है। अमित शाह का भाषण चुनावी भाषण था इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटा जा रहा है। ये कोर्ट के सामने नहीं टिकेगा।
#WATCH PM मोदी लोकसभा के जरिए देश को संदेश देना चाह रहे हैं कि अगर आपने मुझे वोट नहीं दिया तो मैं इस तरह बिल के जरिए सरकार पर कब्जा कर लूंगा। ये लोकतंत्र पर प्रहार है और ये बिल असंवैधानिक है…अमित शाह का भाषण चुनावी भाषण था…इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटा जा… https://t.co/vNqUKU85W8 pic.twitter.com/DCr9pJB3Tl
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 3, 2023
वही इससे पहले लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा था किसी भी पार्टी की सरकार हो, उसकी शक्तियां छीनना संविधान के खिलाफ है। जब हम सदन में इस पर चर्चा कर रहे थे तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपना चुनावी भाषण शुरू किया। कम से कम आज उन्हें (अमित शाह) मणिपुर की घटना पर शर्मिंदगी स्वीकार करनी चाहिए। अगर हमें सदन में अपने विचार रखने का मौका नहीं मिला और गृह मंत्री ने अपना चुनावी भाषण शुरू कर दिया तो हमारे पास सदन से बाहर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
#WATCH …किसी भी पार्टी की सरकार हो, उसकी शक्तियां छीनना संविधान के खिलाफ है। जब हम सदन में इस पर चर्चा कर रहे थे तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपना चुनावी भाषण शुरू किया… कम से कम आज उन्हें (अमित शाह) मणिपुर की घटना पर शर्मिंदगी स्वीकार करनी चाहिए। अगर हमें सदन में अपने… https://t.co/vNqUKU85W8 pic.twitter.com/yj1WytKjvL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 3, 2023
इस पूरे मसले पर दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा हर बार बीजेपी ने वादा किया कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे। 2014 में मोदी जी ने ख़ुद कहा कि प्रधान मंत्री बनने पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे। लेकिन आज इन लोगों ने दिल्ली वालों की पीठ में छुरा घोंप दिया। आगे से मोदी जी की किसी बात पे विश्वास मत करना।
हर बार बीजेपी ने वादा किया कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे। 2014 में मोदी जी ने ख़ुद कहा कि प्रधान मंत्री बनने पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे। लेकिन आज इन लोगों ने दिल्ली वालों की पीठ में छुरा घोंप दिया। आगे से मोदी जी की किसी बात पे विश्वास मत करना https://t.co/y1sCvbtZvU
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 3, 2023
बता दे कि दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक, 2023 गुरुवार को लोकसभा से पास हो गया। इसके साथ ही आप सांसद सुशील कुमार रिंकू को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। इस बिल के पारित होते ही विपक्षी सांसदों ने विरोध स्वरूप सदन से वॉकआउट किया। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही 4 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गयी। यह बिल मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में पेश किया था। दिल्ली सेवा विधेयक मौजूदा अध्यादेश की जगह लेगा, (AAP MP Sandeep Pathak on Delhi Service Bill) जो दिल्ली सरकार को अधिकांश सेवाओं पर नियंत्रण देने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश को रद्द कर देता है। केंद्र ने 19 मई को अध्यादेश जारी किया था जो दिल्ली में ग्रुप ए अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग के लिए प्राधिकरण से संबंधित है। यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ दिनों बाद लाया गया था कि दिल्ली की निर्वाचित सरकार का कानून और व्यवस्था, पुलिस और भूमि के मामलों को छोड़कर अन्य सेवाओं पर नियंत्रण है।
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