नयी दिल्ली, तीन जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने अडाणी समूह के खिलाफ आरोपों से जुड़े दो लंबित मामलों पर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को अपनी जांच तीन माह के भीतर पूरी के निर्देश बुधवार को दिए।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि वह सेबी की जांच करने की शक्ति को नियंत्रित नहीं कर सकती। पीठ ने साथ ही कहा कि सेबी ने अडाणी समूह पर आरोपों से जुड़े 24 में से 22 मामलों में अपनी जांच पूरी कर ली है।
उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा कि मामले के तथ्यों को देखकर ऐसा नहीं लगता कि जांच का जिम्मा विशेष जांच दल या अन्य एजेंसियों को सौंपा जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने उन याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह निर्णय सुनाया जिनमें आरोप लगाया गया था कि अडाणी समूह द्वारा शेयर मूल्यों में हेराफेरी की गई है।
प्रधान न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमन क्षेत्र में शीर्ष अदालत की शक्ति सीमित है।
ये जनहित याचिकाएं वकील विशाल तिवारी, एम एल शर्मा, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और अनामिका जायसवाल ने दाखिल की थीं और अदालत ने इन पर फैसला पिछले वर्ष 24 नवंबर को सुरक्षित रख लिया था।
अडाणी समूह ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह सभी कानूनों का पालन करता है।
भाषा शोभना मनीषा
मनीषा
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