कोरोना के बाद एक और घातक वायरस आया सामने, नहीं काम आएगी कोई वैक्सीन, वैज्ञानिकों ने कहा…

virus SARS-CoV-2 found : कोरोना महामारी की दहशत अभी लोगों के मन से निकली नहीं थी कि एक और नया वायरस सामने आया है।

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  • Publish Date - September 25, 2022 / 10:10 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:52 PM IST

नई दिल्ली : virus SARS-CoV-2 found : कोरोना महामारी की दहशत अभी लोगों के मन से निकली नहीं थी कि एक और नया वायरस सामने आया है। यह वायरस इंसान को बुरी तरह से संक्रमित कर सकता है। इतना ही नहीं मौजूदा समय में उपलब्ध टीके इस वायरस को रोकने के लिए कारगर नहीं हैं। यह वायरस वैज्ञानिकों ने खोजा है। इस वायरस के मिलने के बाद से एक बार फिर महामारी फैलने का डर बना हुआ है।

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रूसी चमगादड़ में मिला वायरस

virus SARS-CoV-2 found : दरअसल, वैज्ञानिकों ने एक रूसी चमगादड़ में सार्स-कोव-2 के जैसे एक नए वायरस की खोज की है जो इंसानों को संक्रमित कर सकता है। एक पत्रिका में प्रकाशित एक शोध पत्र में वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा कि वायरस, जिसे ‘खोस्ता -2’ के नाम से जाना जाता है, कोरोनवायरस की एक सब-कैटेगरी में आता है जिसे सर्बेकोवायरस कहा जाता है। यह सार्स-कोव-2 का ही एक वेरिएंट है।

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यूनिवर्सल टीके विकसित करने की जरूरत

virus SARS-CoV-2 found : शोधकर्ताओं का कहना है कि यह खोज इंसानों को आने वाले समय में कोविड जैसी महामारियों से बचाने के लिए सर्बेकोवायरस के खिलाफ यूनिवर्सल टीके विकसित करने की जरूरत को रेखांकित करती है। सर्बेकोवायरस एक रेस्पिरेटरी वायरस हैं जो अक्सर रेकॉम्बिनेशन की प्रक्रिया से गुजरता रहता है। कॉम्बिनेशन वायरल स्ट्रेन की एक प्रक्रिया है जो एक नया स्ट्रेन बनाती है। अमेरिका में वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने सबसे पहले 2020 के अंत में रूसी चमगादड़ों में वायरस की खोज की थी। टीम ने दो नए वायरस की पहचान की थी और उन्हें खोस्ता-1 और खोस्ता-2 नाम दिया। उन्होंने अपनी खोज के दौरान पाया कि खोस्ता -1 इंसानों के लिए ज्यादा खतरनाक नहीं था। लेकिन खोस्ता -2 में कुछ परेशान करने वाले लक्षण नजर आए।

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इंसानों के लिए खतरनाक है वायरस

virus SARS-CoV-2 found : डब्ल्यूएसयू वायरोलॉजिस्ट और अध्ययन के लेखकों में से एक माइकल लेटको ने एक बयान में कहा, ‘हालांकि शुरू में ऐसा लग रहा था कि वायरस इंसानों के लिए खतरनाक नहीं है। लेकिन जब उन्होंने अधिक बारीकी से देखा, तो वे ये जानकर ‘आश्चर्यचकित हुए कि वायरस में मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने की काबिलियत मौजूद थी।’ टीम ने यह भी पाया कि खोस्ता -2 मोनोक्लोनल एंटीबॉडी और सीरम दोनों के लिए प्रतिरोधी था। इस वायरस पर सार्स-कोव-2 के लिए बनाए गए टीके का इस्तेमाल किया गया था।

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virus SARS-CoV-2 found : डब्लूएसयू के एक वायरोलॉजिस्ट लेटको ने बयान में कहा, ‘आनुवंशिक रूप से ये अजीब रूसी वायरस कुछ अन्य वायरस की तरह ही दिखते हैं जिन्हें दुनिया भर में कहीं और खोजा गया थ।. लेकिन ये सार्स-कोव-2 की तरह नहीं दिखते थे, इसलिए किसी ने नहीं सोचा था कि इन पर शोध के नतीजे वास्तव में बहुत उत्साहित करेंगे।’ टीम ने बताया कि हालांकि हाल के कुछ सालों में सैकड़ों सर्बेकोवायरस खोजे गए हैं, खासतौर पर एशिया के चमगादड़ों में। लेकिन इनमें से ज्यादातर मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने में असमर्थ हैं।

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virus SARS-CoV-2 found : लेटको ने कहा, ‘यह इन वायरस के बारे में हमारी समझ को थोड़ा बदल देता है, वे कहां से आते हैं और किन क्षेत्रों से उनका संबंध है।’ लेटको ने बताया, ‘हमारा शोध आगे दिखाता है कि ये सर्बेकोवायरस एशिया के बाहर वन्यजीवों में पनप रहा है, यहां तक कि पश्चिमी रूस जैसे जगहों में जहां खोस्ता -2 वायरस पाया गया था, इसकी मौजूदगी मिली है। यह दुनियाभर को लोगों के स्वास्थ्य और सार्स-कोव-2 के खिलाफ चल रहे वैक्सीन अभियानों के लिए खतरा पैदा करते हैं।’

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