RSS on BJP: रिजल्ट के बाद आर-पार के मूड में संघ! BJP के लिए अचानक बदले RSS के विचार, आखिर ये मनभेद क्यों?
RSS on BJP: रिजल्ट के बाद आर-पार के मूड में संघ! BJP के लिए अचानक बदले RSS के विचार, आखिर ये मनभेद क्यों?
RSS on BJP
RSS on BJP: नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 में NDA को कम सीटों पर जीत हासिल हुई है, जिसके बाद लगातार ही बयानबाजी जारी है। वहीं अब बीजेपी और आरएसएस को लेकर देशभर में चर्चाएं तेज हो गई हैं। बता दें कि दशकों से बीजेपी और आरएसएस एक ही लय में चल रही है। संघ हमेशा ही बीजेपी को छांव देता रहा है। चाहे वो जमीन की बात हो या फिर राजनीतिक की। वहीं अब चुनाव के नतीजों के बाद संघ और बीजेपी के गति की चाल बदलते नजर आ रही है।
अचानक BJP पर हमलावार हुआ RSS!
अगर दोनों संगठनों के बीच ऐसा सहज समन्वय और सामंजस्य है तो संघ परिवार की ओर से फिर असहमति के स्वर क्यों? ये असंतोष के बुदबुदाहट क्यों? और बुदबुदाहट ही क्यों इंद्रेश कुमार ने तो अब खुली घोषणा कर दी है- अहंकारियों को प्रभु राम ने रोक दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत ने राजनीतिक दलों और उनके नेताओं के खिलाफ जब टिप्पणी की तो इस फुसफुसाहट के स्वर तेज हो गए और ये राष्ट्रीय बहस का विषय बन गई।
टिप्पणियों का ये सिलसिला यहीं नहीं रूका। मोहन भागवत के बाद संघ के मुखपत्र पांचजन्य में लोकसभा चुनाव में बीजेपी के परफॉर्मेंस पर एक आलोचनात्मक लेख छपी शीर्षक था- लोकसभा चुनाव-2024/NDA: सबक हैं और सफलताएं भी। ‘आर्गनाइजर’ में भी टिप्पणी की गई है। इन लेखों पर चर्चा हो ही रही थी कि संघ नेता इंद्रेश कुमार ने सार्वजनिक मंच से कहा कि ‘राम सबके साथ न्याय करते हैं।
2024 के लोकसभा चुनाव को ही देख लीजिए। जिन्होंने राम की भक्ति की, लेकिन उनमें धीरे-धीरे अंहकार आ गया। उस पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी बना दिया। लेकिन जो उसको पूर्ण हक मिलना चाहिए, जो शक्ति मिलनी चाहिए थी, वो भगवान ने अहंकार के कारण रोक दी।
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने बीजेपी पर कसा तंज
मंत्रिमंडल गठन के बाद नागपुर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि चुनाव सहमति बनाने की प्रक्रिया है। सहचित्त संसद में किसी भी प्रश्न के दोनों पहलू सामने आए इसलिए ऐसी व्यवस्था है। चुनाव प्रचार में जिस प्रकार एक-दूसरे को लताड़ना, तकनीकी का दुरुपयोग, असत्य प्रसारित करना ठीक नहीं है। सेवक को कभी अहंकारी नहीं होना चाहिए। बीजेपी के नेता सिर्फ मोदी के चेहरे की चमक पर चुनाव जीतते हैं, ऐसा बार बार नहीं होगा। उन्हें भी जमीन पर जाकर जनता की समस्याओं को ख़त्म करने का प्रयास करना चाहिए।
RSS on BJP: मणिपुर में जारी अशांति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक साल से मणिपुर शांति की राह देख रहा है। इससे पहले 10 साल शांत रहा। पुराना गन कल्चर समाप्त हो गया ऐसा लगा और अचानक जो कलह वहां पर उपजा या उपजाया गया, उसकी आग में अभी तक जल रहा है, त्राहि-त्राहि कर रहा है। इस पर कौन ध्यान देगा? प्राथमिकता देकर उसका विचार करना यह कर्तव्य है। मोहन भागवत के इस बयान को केंद्र की मोदी सरकार के लिए नसीहत के रूप में देखा गया।
IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें
IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Follow the IBC24 News channel on WhatsApp

Facebook



