हिजाब के बाद अब तिलक पर विवाद, कॉलेज में ऐसे छात्रों की एंट्री पर लगी रोक, गरमाया मुद्दा

हिजाब के बाद अब तिलक पर विवाद, कॉलेज में ऐसे छात्रों की एंट्री पर लगी रोक, गरमाया मुद्दा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:25 pm IST
Published Date: February 19, 2022 12:29 pm IST

बेंगालुरु। After the hijab now the controversy over Tilak :  देश में हिजाब का मुद्दा गरमाया हुआ है। कर्नाटक में तो कई छात्राओं ने इसका खुलकर विरोध किया है। इस बीच अब माथे पर तिलक लगाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कर्नाटक के एक सरकारी कॉलेज में माथे पर तिलक लगाकर आने वाले छात्रों की एंट्री पर बैन लगाया दिया है।

यह भी पढ़ें: बाप ने अपने भाई से करा दी बेटी की शादी, कमरे में चाचा के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ाई थी युवती

बता दें कि कर्नाटक में विजयपुरा का यह मामला है। बताया जा रहा है कि कॉलेज के गेट के पास उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक छात्र को कैंपस में घुसने से रोक दिया गया। जानकारी के अनुसार सरकारी कॉलेज के एक लेक्चरर ने हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश का हवाला देते हुए छात्र को कॉलेज के अंदर नहीं आने दिया। इसे लेकर सवाल करने पर लेक्चरर ने कहा है कि वह तिलक मिटा दें। जिस पर छात्र ने जवाब दिया कि तिलक लगाना हमारी संस्कृति का हिस्सा है।

 ⁠

यह भी पढ़ें:  तालिबानी सजाः ससुराल वालों ने महिला को चरित्रहीन बताकर मुंडवाया सिर, फिर चेहरे पर कालिख-चूना पोत पूरे गांव में घुमाया

After the hijab now the controversy over Tilak जिसके बाद यह मामला गरमा गया। कुछ देर तक तो माहौल तनाव पूर्ण हो गया था। हालां​कि समझाइश के बाद मामला शांत हुआ। हालांकि अभी यह पूरा मामला स्पष्ट नहीं हुआ है। इस मामले में पुलिस का कहना है कि यह एक मामूली मुद्दा था और कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई थी। फिलहाल ऐसे मामलों की जांच की जा रही है।

यह भी पढ़ें: ड्राइविंग लाइसेंस असली हो या नकली, बीमा कंपनियां हर हाल में देगी बीमा क्‍लेम! HC का फैसला

यह भी जानें

मालूम होगा कि कर्नाटक में​ हिजाब विवाद पिछले महीने जनवरी में शुरू हुआ था। उडुपी के एक सरकारी कॉलेज की क्लास में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर एंट्री ली थी, इसी बात पर जमकर विवाद हुआ था। इसके बाद यह मामला अन्य राज्यों में भी देखने को मिला।

यह भी पढ़ें: 22 फरवरी को आएगी खतरनाक ‘दोपहर’! NASA ने कहा- धरती की ओर बढ़ रहा एस्टेरॉयड मचा सकता है तबाही


लेखक के बारे में