कृषि कानून किसान, मध्यम वर्ग और नौजवान विरोधी हैं : पायलट

कृषि कानून किसान, मध्यम वर्ग और नौजवान विरोधी हैं : पायलट

  •  
  • Publish Date - February 19, 2021 / 10:32 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:06 PM IST

जयपुर, 19 फरवरी (भाषा) कांग्रेस नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने तीन नए कृषि कानूनों को किसानों के लिए बड़ा संकट बताते हुए शुक्रवार को कहा कि ये कानून न केवल किसान विरोधी बल्कि मध्यम वर्ग व नौजवानों के विरोधी भी हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन कानूनों को वापस लिए जाने तक किसानों के समर्थन में आंदोलन जारी रखेगी।

पायलट चाकसू के पास कोटखावदा में किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘किसानों पर बहुत बड़ा संकट आया है। हम सबको समझना होगा कि ये तीनों कानून न केवल किसान विरोधी बल्कि मध्यम वर्ग व नौजवानों के विरोधी भी हैं। ’’

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार में आज उन किसान की कोई सुनने वाला नहीं है जो लगभग दो महीने से आंदोलन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आज राजस्थान ही नहीं, पूरा देश इन तीन कानूनों के खिलाफ खड़ा हुआ है। उन्होंने कहा ‘‘केंद्र सरकार किसान के भविष्य को अंधकार में धकेलने वाले ये कानून बिना किसी से चर्चा किए, जल्दबाजी में लाई है और उसे इनको वापस लेना ही होगा।’’

पायलट ने कहा ‘‘लोकतंत्र में सबसे बड़ी ताकत जनता है। राजस्थान समेत पूरे देश के किसान अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। किसान को सहानुभूति नहीं, सहयोग चाहिए। किसान भीख नहीं, अपना अधिकार मांग रहा है। हमारी पार्टी ने संकल्प लिया है कि गांधीवादी तरीके से हम केंद्र सरकार को इन कानूनों को वापस लेने को मजबूर करेंगे।’’

इस अवसर पर उन्होंने तीन प्रस्ताव भी पढ़कर सुनाए जिन्हें उपस्थित लोगों की सहमति से पारित माना गया। इनमें तीनों कानूनों को किसानों के साथ विश्वासघात बताते हुए इन्हें वापस लेने की मांग की गई है। इसके साथ ही केंद्र सरकार से पेट्रोल, डीजल व गैस के दाम कम करने की मांग की गयी है ताकि किसान को राहत मिले।

पायलट इससे पहले दौसा और भरतपुर में भी ऐसी ही महापंचायत कर चुके हैं।

भाषा पृथ्वी कुंज

मनीषा

मनीषा