नयी दिल्ली, 28 अगस्त (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ घोटाले सहित विभिन्न साइबर अपराधों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सिम कार्डों की कथित अनधिकृत बिक्री के लिए असम के सिलचर से ‘एयरटेल’ के एक क्षेत्रीय बिक्री प्रबंधक (टीएसएम) को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
सीबीआई ने बुधवार को असम के कछार में पांच ठिकानों पर छापेमारी कर टीएसएम देबाशीष डोले, बिचौलियों माहिम उद्दीन बरभुइया और आशिम पुरकायस्थ को गिरफ्तार किया।
डोले की गिरफ्तारी के संबंध में पूछे गए सवालों पर एयरटेल की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई।
सीबीआई ने इस साल मई में डिजिटल अरेस्ट घोटालों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 39 ‘पॉइंट-ऑफ-सेल्स’ ऑपरेटरों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इन ऑपरेटरों ने भारतीय नागरिकों को निशाना बनाने वाले दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से संचालित साइबर अपराधियों को 1,100 ‘घोस्ट सिम कार्ड’ बेचे थे।
सीबीआई ने जांच के दौरान पाया कि डोले ने बिचौलियों बरभुइया और पुरकायस्थ के साथ मिलकर उन लोगों की जानकारी के बिना अनधिकृत सिम कार्ड जारी किए, जिनके नाम पर आधिकारिक तौर पर सिम कार्ड जारी किए गए थे।
सीबीआई के मुताबिक, “घोस्ट सिम कार्ड’ बेचने के लिए अपनाई गई कार्यप्रणाली के अनुसार, जब कोई ग्राहक सिम मांगता है, तो ‘पॉइंट-ऑफ-सेल्स’ ऑपरेटर ई-केवाईसी करवाकर सिम जारी कर देता था। घोटालेबाज ग्राहकों से झूठ बोलते थे कि उनका ई-केवाईसी विफल हो गया है और उन्हें दोबारा प्रयास करना चाहिए।”
अधिकारियों ने बताया कि पहली बार बनाया गया सिम ग्राहक को सौंप दिया जाता था जबकि दूसरा सिम (घोस्ट सिम) साइबर अपराधियों को बेच दिया जाता था।
उन्होंने बताया कि वास्तविक ग्राहकों को यह पता ही नहीं चल पाता था कि उनके नाम से बनाया गया सिम घोटालेबाजों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है।
भाषा जितेंद्र नरेश
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