Saphala Ekadashi 2025: सफला एकादशी के दिन होगी चमत्कारिक सफलता की शुरुआत, जानें पूजा और मुहूर्त का राज!

सफला एकादशी पौष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। पूजा और दान का विशेष महत्व है। इसे करने से भगवान विष्णु भक्तों को सफलता और आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

Saphala Ekadashi 2025: सफला एकादशी के दिन होगी चमत्कारिक सफलता की शुरुआत, जानें पूजा और मुहूर्त का राज!

(Saphala Ekadashi 2025, Image Credit: IBC24 Archive)

Modified Date: December 8, 2025 / 03:48 pm IST
Published Date: December 8, 2025 3:32 pm IST
HIGHLIGHTS
  • सफला एकादशी पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी पर पड़ती है।
  • व्रत करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होकर सफलता और समृद्धि देते हैं।
  • पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त: 5:17 से 6:12, अभिजीत मुहूर्त: 11:56 से 12:37।

Saphala Ekadashi 2025: सफला एकादशी हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र व्रत माना जाता है। यह पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भक्त माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि जरूरतमंदों को दान देने और व्रत करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और जीवन में सफलता, सुख-समृद्धि और खुशहाली प्रदान करते हैं। भगवान कृष्ण के अनुसार, जो व्यक्ति नियमित रूप से एकादशी का पालन करता है, वह उनके अत्यंत प्रिय हो जाता है। पूरे साल में हिंदू कैलेंडर के अनुसार 24 एकादशी तिथियां आती हैं, जिनमें से प्रत्येक पर भगवान विष्णु की उपासना का विधान है।

सफला एकादशी व्रत की तारीख

साल 2025 में सफला एकादशी पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाएगी। यह व्रत 14 दिसंबर की शाम 6:49 बजे से शुरू होकर 15 दिसंबर की रात 9:19 बजे समाप्त होगा। उदया तिथि के अनुसार, सफला एकादशी का व्रत 15 दिसंबर 2025 को मान्य होगा।

पूजा और मुहूर्त

सफला एकादशी पर पंचांग के अनुसार विशेष मुहूर्त-

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  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:17 से 6:12 बजे तक।.
  • अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:56 से 12:37 बजे तक।

इस दिन चित्रा नक्षत्र और शोभन योग का संयोग भी बन रहा है, जो पूजा और व्रत के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

सफला एकादशी पूजा विधि

एकादशी के दिन एक साफ चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं और उस पर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें। उन्हें सुंदर वस्त्र पहनाएं और माला पहनाकर श्रृंगार करें। इस दौरान ‘ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयातः’ मंत्र का जाप करना शुभ होता है। शुद्ध घी से दीपक जलाएं और भगवान को बेसन के लड्डू, केले, पंजीरी और पंचामृत का भोग लगाएं। इस दिन सफला एकादशी की कथा अवश्य पढ़ें। पूजा के अंत में आरती करें और सुख-समृद्धि की कामना करें।

दान और लाभ

सफला एकादशी पर दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। जरूरतमंदों में अन्न और कुछ पैसे का दान करने से व्रत का फल दोगुना मिलता है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में धन, सुख और सफलता की प्राप्ति होती है।

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सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

मैं 2018 से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। हिंदी साहित्य में मास्टर डिग्री के साथ, मैंने सरकारी विभागों में काम करने का भी अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें एक साल के लिए कमिश्नर कार्यालय में कार्य शामिल है। पिछले 7 वर्षों से मैं लगातार एंटरटेनमेंट, टेक्नोलॉजी, बिजनेस और करियर बीट में लेखन और रिपोर्टिंग कर रहा हूँ।