31 मई को थम जाएंगे ट्रेनों के पहिए? स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन ने किया हड़ताल का ऐलान
स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन ने किया हड़ताल का ऐलान! All Trains will Stop From May 31 in india, Station Masters Association Announces Strike
IRCTC
नई दिल्ली: Trains will Stop From May 31 कोयला संकट के चलते देशभर में ट्रेनों का परिचालन प्रभावित है। रेलवे ने कई ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया है तो कुछ ट्रेनों को आधी दूरी तक ही चलाया जा रहा है। ऐसे में यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर अतिरिक्त भार और पदों पर भर्तियां न निकाल से नाराज स्टेशन मास्टरों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया है। अब देखना होगा कि क्या स्टेशन मास्टर्स के हड़ताल पर जाने से गाड़ियों के पहिए थम जाएंगे? या रेलवे कोई और रास्ता अपनाएगी? या स्टेशन मास्टर्स हड़ताल वापस लेने का ऐलान करेंगे।
कल थम जाएंगे ट्रनों के पहिए?
Trains will Stop From May 31 दरअसल इंडियन रेलवे स्टेशन मास्टर एसोसिएशन ने अपनी मांगो को लेकर 31 मई को हड़ताल की घोषणा की है। स्टेशन मास्टर्स का कहना है कि यदि समय रहते सरकार नहीं मानी तो हड़ताल करेंगे। लेकिन इस बीच अधिकारियों ने कमान संभालते हुए संघ के हड़ताल करने के नियमों से रूबरू कराया है। अब आखिर में स्टेशन मास्टर्स के पास क्या विक्लप होगा? लेकिन इस सब के बावजूद भी अगर हड़ताल हुई तो देशभर में 31 मई के रोज आदमी के यातायात के लिए लाइफलाइन भारतीय रेलवे की ट्रेनों के चक्के थम जाएंगे। एक दिन लिए आवागमन ठप हो जाएगा।
दो साल से नहीं हो रही सुनवाई
स्टेशन मास्टर एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि यह निर्णय कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं है। कम से कम सात चरणों में विरोध जता चुके हैं लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। देश के स्टेशन मास्टरों ने 15 अक्टूबर 2020 को रात्रि ड्यूटी शिफ्ट में स्टेशन पर मोमबत्ती जला कर विरोध प्रदर्शन किया। एक दिवसीय भूख हड़ताल पर रहे। लेकिन सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही।
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देशभर में 6 हजार से ज्यादा खाली हैं पद
ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन अक्टूबर 2020 से अपनी मांगो को लेकर संघर्ष कर रहा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि पूरे देश में इस समय 6,000 से भी ज्यादा स्टेशन मास्टरों की कमी है। लेकिनरेल प्रशासन इस पद पर भर्तियां नहीं निकाल रहा है। इस कारण देश के आधे से भी ज्यादा स्टेशनों पर महज सिर्फ 2 ही स्टेशन मास्टर पोस्टेड हैं। यदि कोई छुट्टी पर जाता है तो काम का लोड बढ़ जाता है। अब हड़ताल के अलावा कोई विकल्प नहीं बच रहा है।

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