America want India's space technology

America want India’s space technology: आखिर क्यों अमेरिका खरीदना चाहता है भारत की अंतरिक्ष तकनीक? ISRO चीफ ने सुनाया ये दिलचस्प किस्सा

America want India's space technology: America want India's space technology: हाल ही में भारत के चंद्रयान-3 मिशन की लॉन्चिंग के समय नासा के वैज्ञानिकों ने इसरो का दौरा किया था

Edited By :   Modified Date:  October 16, 2023 / 04:03 PM IST, Published Date : October 16, 2023/4:03 pm IST

America wants to buy India’s space technology: एक वक्त था जब अमेरिका जैसे प्रतिष्ठित देशों के अखवारों में भारत की रिसर्च एजेंसी और अंतरिक्ष मिशन का मजाक बनाया जाता था। लेकिन आज भारतीय वैज्ञानिकों ने अपनी मेहनत और लगन से इतनी तरक्की कर ली है कि भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की प्रगति से अमेरिका भी प्रभावित हो गया है। हाल ही में भारत के चंद्रयान-3 मिशन की लॉन्चिंग के समय नासा के वैज्ञानिकों ने इसरो मुख्यालय का दौरा किया था। इस दौरे के दौरान, वे कम लागत में इसरो वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एडवांस तकनीक देख हैरान रह गए। उनको इस बात पर यकीन नही हो रहा था कि इतनी कम लागत में मून के साउथ पोल पर लैंडिंग कैसे संभव है।

America wants to buy India’s space technology: इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बताया कि उन्होंने भारत से यह तकनीक खरीदने में रुचि व्यक्त की है। उन्होने ये भी बताया कि नासा के वैज्ञानिक चंद्रयान-3 मिशन के लिए उपयोग किए गए प्रोपल्शन सिस्टम और लैंडिंग तकनीक से विशेष रूप से प्रभावित थे और नासा भारत के साथ मिलकर भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों पर काम करने में रुचि रखता है।

America wants to buy India’s space technology: भारत के लिए यह एक बहुत ही गर्व की बात है कि अमेरिका जैसा देश हमारी अंतरिक्ष तकनीक से प्रभावित है और उसे खरीदना चाहता है। यह दिखाता है कि भारत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में एक विश्व नेता बन गया है।

America wants to buy India’s space technology: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने रविवार को रामेश्वरम में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि नासा के जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला के लगभग 5-6 लोग इसरो मुख्यालय आए थे। हमने उन्हें चंद्रयान-3 की तकनीक के बारे में बताया। यह सॉफ्ट लैंडिंग से पहले की बात है। “हमारे पास शब्द नहीं हैं,” नासा के वैज्ञानिकों ने कहा। सब कुछ इतना अच्छा चल रहा है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कहा था, “वैज्ञानिक उपकरणों को देखो, वे कितने अच्छे और सस्ते हैं। यह उच्च तकनीक है। आपने इसे कैसे बनाया? आप इसे अमेरिका को क्यों नहीं बेचते?”

America wants to buy India’s space technology: सोमनाथ ने कहा कि नासा के वैज्ञानिक चंद्रयान-3 मिशन के लिए उपयोग किए गए प्रणोदन प्रणाली और लैंडिंग तकनीक से विशेष रूप से प्रभावित थे। उन्होंने यह भी कहा कि नासा भारत के साथ मिलकर भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों पर काम करने में रुचि रखता है।
क्या यह खबर भारत के लिए अच्छी है?

America wants to buy India’s space technology: जी हां, यह खबर भारत के लिए बहुत अच्छी है। यह दिखाता है कि भारत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में एक विश्व नेता बन गया है। भारत की अंतरिक्ष तकनीक के लिए अमेरिका की रुचि से भारत को कई लाभ होंगे। इससे भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग बढ़ेगा। यह भारत के लिए एक बहुत ही सकारात्मक विकास है, क्योंकि यह भारत को अपनी अंतरिक्ष तकनीक को विकसित करने और उसका विस्तार करने के लिए अधिक संसाधन प्राप्त करने में मदद करेगा। इससे भारत के अंतरिक्ष उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और अधिक रोजगार सृजित होंगे। इससे भारत की वैश्विक छवि और प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी।

America wants to buy India’s space technology: भारत के लिए यह एक बहुत ही गर्व की बात है कि अमेरिका जैसा देश हमारी अंतरिक्ष तकनीक से प्रभावित है और उसे खरीदना चाहता है। यह दिखाता है कि भरहै। भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग बढ़ने से दोनों देशों को कई लाभ होंगे।

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