नई दिल्ली । रिलायंस कम्युनिकेशन के चेयरमैन अनिल अंबानी ने उन पर आया संकट को फिलहाल टाल दिया है। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद रिलायंस कम्युनिकेशन ने स्वीडिश कंपनी एरिक्सन को बकाया 459 करोड़ रुपए चुका दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट की डेडलाइन से पहले ही ये भुगतान किया गया है। इससे पहले 19 फरवरी को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अंबानी को कोर्ट की अवमानना का दोषी ठहराया गया था। अंबानी को एक महीने के अंदर समझौते की राशि चुकाने के लिए कहा था। इसमें चूक होने पर कोर्ट ने उन्हें तीन महीने जेल भेजने की बात कही थी।
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एरिक्सन के साथ क्या था समझौता
एरिक्सन ने 2014 में आरकॉम का टेलीकॉम नेटवर्क संभालने के लिए 7 साल की डील की थी। इस मामले में उसका आरोप था कि ण 1,500 करोड़ रुपए की बकाया रकम नहीं चुकाई है। बीते साल दिवालिया अदालत में सेटलमेंट प्रक्रिया के तहत एरिक्सन इस बात के लिए राजी हुई कि आरकॉम सिर्फ 550 करोड़ रुपए का भुगतान कर दे। इस समझौते को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आरकॉम को 15 दिसंबर तक भुगतान करने के आदेश दिए थे। रिलायंस कम्युनिकेशन ने पेमेंट नहीं किया था इसलिए एरिक्सन ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी।
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BSNL भी करेगी भी ट्रिब्यूनल का रुख
स्वीडिश कंपनी एरिक्सन से विवाद सुलझने के बाद अब सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल भी रिलायंस कम्युनिकेशंस से 700 करोड़ रुपए बकाया वसूलने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में याचिका लगाएगी। जानकारी के मुताबिक बीएसएनएल भुगतान में चूक के लिए आरकॉम द्वारा जमा की गई 100 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी को पहले ही भुना चुकी है। बीएसएनएल अब 700 करोड़ की वसूली के लिए एनसीएलटी का रुख करेगी।
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