पनडुब्बी रोधी पोत ‘माहे’ नौसेना को सौंपा गया

पनडुब्बी रोधी पोत ‘माहे’ नौसेना को सौंपा गया

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  • Publish Date - October 24, 2025 / 07:16 PM IST,
    Updated On - October 24, 2025 / 07:16 PM IST

नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) उन्नत रडार और सोनार से लैस एवं पनडुब्बी रोधी क्षमता वाले पोत ‘एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट’ (एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी) ‘माहे’ भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल), कोच्चि द्वारा निर्मित आठ एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसीएएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी में से यह पहला पोत है। केंद्र शासित पुडुचेरी के ऐतिहासिक बंदरगाह के नाम पर इस पोत का नामकरण हुआ है।

भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने कहा कि ‘माहे’ को 23 अक्टूबर को सौंप दिया गया। उन्होंने बताया कि यह तटीय जलक्षेत्रों में निगरानी, ​​कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों, पनडुब्बी रोधी युद्ध (एएसडब्ल्यू) के लिए सुसज्जित है और इसमें उन्नत बारूदी सुरंग बिछाने की क्षमता है।

इस पोत का डिज़ाइन और निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा स्वदेशी रूप से किया गया है, जो नौसेना पोत निर्माण में देश की बढ़ती आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।

प्रवक्ता ने बताया, ‘‘लगभग 78 मीटर की ऊंचाई और लगभग 1,100 टन विस्थापन के साथ, यह पोत टॉरपीडो, बहुक्रियाशील पनडुब्बी रोधी रॉकेट और उन्नत रडार व सोनार से लैस होकर जल के अंदर युद्ध में भी अपनी क्षमता का लोहा मनवा सकता है।’’

‘एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट’ के शामिल होने से भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और तटीय क्षेत्रों में समुद्री सुरक्षा मजबूत होगी।

उन्होंने बताया कि 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री वाले पोत ‘माहे’ का नौसेना में शामिल होना एक बड़ी उपलब्धि है और केंद्र सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण की पुष्टि करता है।

भाषा आशीष नरेश

नरेश