नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) मामले में उसके वकील द्वारा स्थगन का अनुरोध करने पर बौद्धिक संपदा प्राधिकरण को सेना केंद्रीय कल्याण कोष में 20,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी ने यह जुर्माना लगाते हुए कहा कि पिछली तीन तारीखों पर भी कार्यवाही स्थगित करने का अनुरोध किया गया था।
आठ मई को दिए आदेश में न्यायमूर्ति बनर्जी ने कहा कि यह राशि चार सप्ताह के भीतर जमा की जाए।
अदालत ने कहा, ‘‘चूंकि प्रतिवादी के वकील ने पिछली तीन तारीखों पर भी स्थगन की मांग की थी, इसलिए न्याय के हित में अगली तारीख छह अगस्त 2025 तय की जाती है, यद्यपि, प्रतिवादी को चार सप्ताह की अवधि के भीतर सेना केंद्रीय कल्याण कोष में 20,000 रुपये का भुगतान करना होगा।’’
अदालत के समक्ष 2023 में दायर मामला एक पेटेंट विवाद से संबंधित है, जिसमें याचिकाकर्ता ने भारत में अपने पेटेंट का पंजीकरण कराने की मांग की थी।
भाषा शुभम शफीक
शफीक