ईटानगर, 10 दिसंबर (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने बुधवार को तिब्बती आध्यात्मिक गुरु 14वें दलाई लामा को ‘शांति का सच्चा प्रतीक’ करार दिया और कहा कि उनकी करुणा, सद्भाव और अहिंसा के संदेश से विश्व आज भी प्रेरित है। आज के ही दिन 36 वर्ष पहले 14वें दलाई लामा को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
खांडू ने कहा कि 36वीं वर्षगांठ चामलेंग, तवांग मठ में मनाई जा रही है।
उन्होंने दलाई लामा की शिक्षाओं की वैश्विक प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “चामलेंग, तवांग मठ में 14वें दलाई लामा को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की 36वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है।”
उन्होंने अरुणाचल प्रदेश और तिब्बती बौद्ध परंपरा के बीच गहरे आध्यात्मिक व सांस्कृतिक संबंध पर जोर दिया।
खांडू ने दलाई लामा को मानवता का मार्गदर्शक बताते हुए कहा, “शांति के सच्चे प्रतीक 14वें दलाई लामा की करुणा और सद्भाव का शाश्वत संदेश विश्व भर में फैलता रहे।”
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि तिब्बती आध्यात्मिक गुरु की दी शिक्षाएं सीमाओं व धर्मों से परे हैं और तेजी से विभाजित हो रही दुनिया में नैतिक दिशा-निर्देश प्रदान करते हैं।
उन्होंने कहा, “14वें दलाई लामा को नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किए जाने की 36वीं वर्षगांठ के इस मौके पर आइए हम अपने भीतर अहिंसा की भावना को जगह दें।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भावना “हमारे विचारों का मार्गदर्शन करे, हमारे कार्यों को आकार दे और हमें याद दिलाए कि शांति वास्तव में एक-दूसरे के साथ हमारे व्यवहार से फैलती है।”
दलाई लामा को अहिंसा, करुणा और शांतिपूर्ण संवाद के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के सम्मान में वर्ष 198 9 में नोबेलशांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
भाषा जितेंद्र गोला
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