इटली-भारत आर्थिक साझेदारी के केंद्र में नवाचार, निवेश और संयुक्त उद्यम : एंटोनियो ताजानी

इटली-भारत आर्थिक साझेदारी के केंद्र में नवाचार, निवेश और संयुक्त उद्यम : एंटोनियो ताजानी

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  • Publish Date - December 10, 2025 / 02:27 PM IST,
    Updated On - December 10, 2025 / 02:27 PM IST

(संपादक: यह इटली के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी द्वारा पीटीआई-भाषा के लिए लिखा गया एक विशेष हस्ताक्षरित लेख है। इस लेख का इस्तेमाल आज मध्यरात्रि (11 दिसंबर 00:01 बजे) तक न किया जाए)

(तस्वीर के साथ)

इटली के लिए भारत हमेशा प्राथमिकता रहा है। लंबे समय से भरोसेमंद मित्र होने के नाते, हम संस्कृति एवं मूल्यों से जुड़े हुए हैं। प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर एक रणनीतिक साझेदार। अर्थव्यवस्था, व्यापार, निवेश एवं नवाचार के क्षेत्रों में एक विशेष वार्ताकार।

आज (11 दिसंबर) मुंबई में अपने सहयोगी एवं मित्र मंत्री पीयूष गोयल के साथ, हम एक साल से भी कम समय में तीसरा व्यापार मंच आयोजित कर रहे हैं।

मोटर वाहन, कृषि-खाद्य, अपशिष्ट-से-ऊर्जा और खेल प्रौद्योगिकी क्षेत्रों की कुछ बेहतरीन कंपनियां बी2बी (व्यवसाय से व्यवसाय) बैठकों और क्षेत्रीय गोलमेज सम्मेलनों में भाग ले रही हैं और हमारी अर्थव्यवस्थाओं को तेजी से करीब लाने के लिए ठोस रूप से सहयोग करने की प्रबल इच्छा रखती हैं।

अपनी इस यात्रा के माध्यम से, मेरा इरादा भारत में इटली की और इटली में भारत की अधिक पहचान स्थापित करना है।

भारत एक विशाल बाजार है, एक तेजी से और गतिशील रूप से विकसित होती आर्थिक शक्ति है। इसने बुनियादी ढांचे से लेकर नई प्रौद्योगिकियों तक, आईटी सेवाओं से लेकर अंतरिक्ष तक विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।

इतालवी कंपनियां इस असाधारण एवं अवसरों से भरपूर देश में तेजी से रुचि दिखा रही हैं। मेरा मुख्य लक्ष्य उन्हें महत्वाकांक्षी और ठोस परिणाम प्राप्त करने में मदद करना है।

मैंने हाल ही में इटली में एक सुधार शुरू किया है जिसके तहत विदेश मंत्रालय को दो प्रमुखों (राजनीतिक एवं आर्थिक प्रमुख) वाली संरचना के तहत पुनर्गठित किया गया है।

मैंने हाल ही में इतालवी विशेषज्ञता को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने के लिए एक निर्यात योजना भी शुरू की है। भारत हमारी रणनीति के प्राथमिकता वाले देशों में से एक है।

हमारा उद्देश्य केवल निर्यात बढ़ाना ही नहीं है। हमारा लक्ष्य औद्योगिक सहयोग, संयुक्त उद्यम, सह-विकास और सह-उत्पादन परियोजनाओं को भी बढ़ाना है।

मेरा मानना ​​है कि अधिक व्यापार का मतलब दोनों पक्षों के लिए अधिक निवेश भी है। अप्रैल एवं जून में आयोजित दो व्यापार मंचों के बाद, अब हम प्रमुख विशिष्ट क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं और संपर्कों को अनुबंधों में बदलना चाहते हैं।

समय बिल्कुल सही है। हम लंबे समय से प्रतीक्षित यूरोपीय संघ-भारत मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देने के करीब हैं। इटली ने हमेशा से ही एक महत्वाकांक्षी, संतुलित एवं पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौते का समर्थन किया है। हमारा मानना ​​है कि यह हमारे उद्यमियों और कंपनियों (खासकर लघु एवं मध्यम उद्यमों जो हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं) के लिए बेहतर और व्यापक अवसर प्रदान कर सकता है।

भारत में पिछले एक वर्ष में 50 करोड़ यूरो का अतिरिक्त इतालवी निवेश हमारी कंपनियों की प्रतिबद्धता का एक ठोस संकेत है।

इतालवी विदेश मंत्रालय ने इतालवी सरकारी वित्तीय संस्था ‘एसएमईएसटी’ के माध्यम से भारत के लिए 50 करोड़ यूरो की एक विशेष वित्तपोषण ‘लाइन’ शुरू की है ताकि स्थानीय बाजार में प्रवेश करने एवं संयुक्त उद्यम स्थापित करने वाली इतालवी कंपनियों को समर्थन दिया जा सके।

हमारी निर्यात ऋण एजेंसी ने पहले से जारी की गई दो अरब यूरो से अधिक की गारंटी के अतिरिक्त, स्थानीय मुद्रा में देश में अपना निवेश लगभग 20 करोड़ यूरो तक बढ़ा दिया है।

मार्ग तैयार है। हम साथ आकर भारत से इटली तक अपने व्यापार एवं निवेश लेन-देन को बढ़ा एवं संतुलित कर सकते हैं।

हम एक स्थिर देश हैं। यूरोप में दूसरे सबसे बड़े विनिर्माता हैं और हम भारतीय उद्योग एवं विनिर्माण, विशेष रूप से मशीनरी तथा उद्योग के विकास पथ में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। यह केवल उत्पादों का मामला नहीं है, बल्कि प्रौद्योगिकी समाधानों का भी है।

हमारी कंपनियां कई अत्याधुनिक क्षेत्रों में अग्रणी हैं। डिजाइन से लेकर उन्नत विनिर्माण तक, कृषि मशीनरी से लेकर इंजीनियरिंग सेवाओं तक, रक्षा उद्योग से लेकर नवीकरणीय ऊर्जा और पुनर्चक्रण तक।

हमारे सहयोग का एक बहुत महत्वपूर्ण प्रेरक नवाचार है।

आज (11 दिसंबर) हम मंत्री गोयल के साथ मिलकर एक संयुक्त पहल शुरू करेंगे। ‘इनोविट इंडिया’ भारत में एक ऐसा केंद्र होगा जो स्टार्टअप, कंपनियों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान समूहों के बीच एक सुव्यवस्थित संवाद को बढ़ावा देगा। यह बिग डेटा, क्वांटम टेक्नोलॉजी, बायोटेक, कृत्रिम मेधा (एआई) जैसे समान रुचि के क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक मंच प्रदान करेगा।

इटली और भारत ऐतिहासिक एवं भौगोलिक रूप से जुड़े हुए हैं। सदियों से, हम रोमन साम्राज्य के समय से ही एक साझा हिंद-भूमध्यसागरीय क्षेत्र के प्राकृतिक छोर रहे हैं।

उस समय, यह मसालों व सोने का खेल था। आज हम बंदरगाहों, लॉजिस्टिक तथा समुद्री डिजिटल संपर्कों से संबंधित परियोजनाओं के माध्यम से संपर्क पर काम कर रहे हैं।

हमारी दोनों सरकारों ने 2025-2029 के लिए एक संयुक्त रणनीतिक कार्य योजना तैयार की है। इटली और भारत इसके पूर्ण कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।

आज, यह हमारे मित्रता एवं सहयोग की एक लंबी एवं आशाजनक यात्रा की दिशा में एक और कदम है।

भाषा

(ताजानी इटली के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री हैं)

निहारिका सिम्मी नरेश

नरेश