असम फेक एनकाउंटर, आर्मी कोर्ट ने 7 सैन्यकर्मियों को सुनाई उम्रकैद की सजा

असम फेक एनकाउंटर, आर्मी कोर्ट ने 7 सैन्यकर्मियों को सुनाई उम्रकैद की सजा

असम फेक एनकाउंटर, आर्मी कोर्ट ने 7 सैन्यकर्मियों को सुनाई उम्रकैद की सजा
Modified Date: November 29, 2022 / 07:49 pm IST
Published Date: October 15, 2018 9:13 am IST

नई दिल्ली/गुवाहाटी। आर्मी कोर्ट ने 1994 में 5 युवकों के फर्जी मुठभेड़ मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। आर्मी कोर्ट ने इस मामले में 7 सैन्यकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषियों में एक पूर्व मेजर जनरल, 2 कर्नल और 4 अन्य सैनिक शामिल हैं। असम के डिब्रूगढ़ जिले के डिंजन स्थित 2 इन्फैन्ट्री माउंटेन डिविजन में हुए कोर्ट मार्शल में ये फैसला सुनाया गया। उच्च स्तर पर कोलकाता स्थित ईस्टर्न आर्मी कमांड या नई दिल्ली स्थित आर्मी हेडक्वॉर्टर्स से इसकी पुष्टि होनी अभी बाकी है। बताया गया कि इसकी आधिकारिक पुष्टि होने में 2 से 3 महीने का समय लग सकता है।

सूत्रों के अनुसार दोषी पाए गए 7 लोगों में मेजर जनरल एके लाल, कर्नल थॉमस मैथ्यू, कर्नल आरएस सिबिरेन, जूनियर कमिशंड ऑफिसर्स और नॉनकमिशंड ऑफिसर्स दिलीप सिंह, जगदेव सिंह, अलबिंदर सिंह और शिवेंदर सिंह शामिल हैं। दोषी पाए गए सैन्यकर्मी चाहें तो इस फैसले के खिलाफ आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं।

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कोर्ट मार्शल का ये फैसला ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) के कार्यकर्ताओं प्रबीन सोनोवाल, प्रदीप दत्ता, देबाजीत बिस्वास, अखिल सोनोवाल और भाबेन मोरन की हत्या के मामले में आया है। इन पांचों कार्यकर्ताओं को पंजाब रेजिमेंट की एक यूनिट ने 4 अन्य लोगों के साथ 14 फरवरी से 19 फरवरी 1994 के बीच तिनसुकिया जिले की अलग-अलग जगहों से उठाया था।

दरअसल तलप टी एस्टेट के असम फ्रंटियर टी लिमिटेड के जनरल मैनेजर रामेश्वर सिंह की उल्फा उग्रवादियों ने हत्या कर दी थी। इसके बाद सेना ने ढोला आर्मी कैंप में 9 लोगों को हिरासत में लिया था। इनमें से 5 लोगों को 23 फरवरी 1994 को कुख्यात डांगरी फेक एनकाउंटर में मार दिया गया था।

वेब डेस्क, IBC24


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