Pahalgam attack: पहलगाम में इस्लामी आयत ‘कलमा’ पढ़ने से बची असम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की जान, जानें पूरा मामला

Pahalgam attack: पहलगाम में इस्लामी आयत 'कलमा' पढ़ने से बची असम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की जान

Pahalgam attack: पहलगाम में इस्लामी आयत ‘कलमा’ पढ़ने से बची असम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की जान, जानें पूरा मामला
Modified Date: April 23, 2025 / 11:45 pm IST
Published Date: April 23, 2025 10:24 pm IST
HIGHLIGHTS
  • सिलचर के असम विश्वविद्यालय में बांग्ला पढ़ाने वाले भट्टाचार्य
  • असम मुख्यमंत्री कार्यालय ने पहलगाम में जिंदा बचे असम के व्यक्ति से बात की

श्रीनगर: Pahalgam attack, इस्लामी आयत ‘कलमा’ पढ़ने से जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों की गोलियों से असम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर देबाशीष भट्टाचार्य की जान बाल-बाल बच गई। वह वहां अपने परिवार के साथ छुट्टियां मना रहे थे।

सिलचर के असम विश्वविद्यालय में बांग्ला पढ़ाने वाले भट्टाचार्य उस समय बैसरन के सुरम्य पर्यटक स्थल पर थे, जब बंदूकधारी आतंकवादियों ने वहां घूमने आए पर्यटकों को निशाना बनाना शुरू किया। भट्टाचार्य ने बताया कि उनके आसपास के लोग जमीन पर बैठ गए और ‘कलमा’ पढ़ना शुरू कर दिया।

भट्टाचार्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया, ‘‘इसलिए मैंने भी उनका अनुसरण किया। एक आतंकवादी हमारे पास आया और मेरे बगल में बैठे व्यक्ति को गोली मार दी। फिर उसने मेरी ओर देखा और पूछा कि मैं क्या कर रहा हूं। मैंने बस कलमा जोर से पढ़ा और उसके सवाल का जवाब नहीं दिया। मुझे नहीं पता कि क्या हुआ, वह बस पलटा और चला गया।’’

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Pahalgam attack, प्रोफेसर ने बताया कि आतंकवादियों के चले जाने के बाद वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ तुरंत उस जगह से निकल गए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी तरह बाड़ पार करके भागने में सफल रहा।’’

करीब दो घंटे चलने के बाद, उनकी मुलाकात एक स्थानीय व्यक्ति से हुई, जिसने उन्हें वापस पहलगाम शहर पहुंचाया। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया है कि गोली मारने से पहले लोगों से उनके धर्म के बारे में पूछा गया। आतंकवादियों ने सिर्फ पुरुषों को ही निशाना बनाया।

भट्टाचार्य इस घटना से अब भी बुरी तरह सदमे में हैं। उन्होंने कहा कि वह अब किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे पाएंगे। इस बीच, असम सरकार भट्टाचार्य के परिवार को उनके गृहनगर लाने की व्यवस्था कर रही है।

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असम के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘असम मुख्यमंत्री कार्यालय ने पहलगाम में नृशंस आतंकी हमले में जिंदा बचे असम के एक व्यक्ति से बात की है और कल उनके साथ हुई घटना की पूरी जानकारी ली है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘पूरे परिवार की राज्य वापसी का प्राथमिकता के आधार पर इंतजाम किया जा रहा है और राज्य सरकार परिवार को जल्द से जल्द असम वापस लाने के लिए केंद्र के संपर्क में है।’’

मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने भी कहा कि उनका कार्यालय भट्टाचार्य के संपर्क में है। उन्होंने कहा, ‘‘हम जल्द ही उनकी सुरक्षित असम वापसी सुनिश्चित करेंगे।’’

आतंकवादियों के एक समूह ने बैसरन स्थित पर्यटन स्थल में गोलीबारी की, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए, जिनमें से अधिकतर दूसरे राज्यों के पर्यटक थे। इसमें कई व्यक्ति घायल भी हो गए।

 

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com