अदालती आदेशों पर समय पर प्रतिक्रिया सुनिश्चित कर अवमानना ​​कार्यवाही से बचें : कानून मंत्रालय

अदालती आदेशों पर समय पर प्रतिक्रिया सुनिश्चित कर अवमानना ​​कार्यवाही से बचें : कानून मंत्रालय

  •  
  • Publish Date - April 27, 2025 / 04:24 PM IST,
    Updated On - April 27, 2025 / 04:24 PM IST

नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (भाषा) कानून मंत्रालय ने अवमानना कार्यवाही से बचने के लिए केंद्रीय मंत्रालयों के अदालती आदेशों पर “समय पर पर्याप्त प्रतिक्रिया” देने पर जोर दिया है।

मंत्रालय ने विभिन्न अदालतों में केंद्र सरकार से जुड़े लगभग 1.50 लाख अवमानना ​​मामले लंबित होने के मद्देनजर यह बात कही है।

उसने इस बात को रेखांकित किया कि मंत्रालयों या उनके विभागों में मुकदमेबाजी का प्रबंधन करने वाले कई अधिकारियों के पास कानून के क्षेत्र में योग्यता नहीं होती, जिसके चलते कानूनी निहितार्थों की समझ का अभाव होता है और न्यायिक निर्देशों पर प्रतिक्रिया में देरी के कारण अवमानना ​​का मामला दर्ज हो सकता है।

कानून मंत्रालय के विधि मामलों के विभाग ने ‘भारत सरकार से जुड़े मुकदमों के कुशल एवं प्रभावी प्रबंधन के लिए जारी दिशा-निर्देश’ में कहा है कि संसाधनों की कमी के कारण मुकदमेबाजी के प्रबंधन की मंत्रालयों की क्षमता सीमित है।

विभाग ने कहा कि ज्यादातर मंत्रालयों एवं विभागों के पास कोई समर्पित कानूनी प्रकोष्ठ नहीं है और मामलों को आमतौर पर संबंधित मुद्दे संभालने वाले प्रशासनिक या तकनीकी प्रभाग निपटाते हैं।

विभाग ने इस बात पर जोर दिया, “कभी-कभी निर्णयों और आदेशों का पालन न करने पर सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू की जाती है। निर्णयों और आदेशों पर तय समय में पर्याप्त प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए निगरानी एवं समन्वय तंत्र में सुधार करके इन कार्यवाहियों को रोका जा सकता है।”

उसने कहा कि ऐसे अदालती मामलों की संख्या में कमी लाने के लिए, जिनमें केंद्र सरकार एक पक्ष है, न्यायालय ने मंत्रालयों को एक नोडल अधिकारी को नामित करने का निर्देश दिया है, जो संयुक्त सचिव स्तर से नीचे का न हो और जिसे मुकदमों के प्रबंधन की निगरानी करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

विभाग ने कहा, “अधिकारी के पास एलएलबी या उससे ऊपर की डिग्री और/या पर्याप्त कानूनी विशेषज्ञता होनी चाहिए, साथ ही उसका कार्यकाल भी उचित रूप से जारी रहना चाहिए।”

उसने कहा कि न्यायालय ने मुकदमेबाजी से निपटने के लिए सभी मंत्रालयों में निदेशक (विधि)/उप सचिव (विधि)/अवर सचिव (विधि) के पद सृजित करने का भी निर्देश दिया है।

संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा था कि अदालती आदेशों के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी संबंधित प्रशासनिक मंत्रालयों और विभागों की है।

भाषा पारुल रंजन

रंजन