नयी दिल्ली, 22 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि आयुर्वेद जैसी पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के संस्थान आधुनिक चिकित्सा के साथ मिलकर भारत के स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
मंत्री ने यह बात दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित ‘पद्मभूषण डॉ. पी के वारियर मेमोरियल आयुर्वेद सेमिनार में कही।
संगोष्ठी को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा, ‘आयुष मंत्रालय यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है कि आयुर्वेद सहित सभी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियां आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ मिलकर ‘स्वस्थ भारत’ की परिकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायें।’
यह संगोष्ठी केरल स्थित कोट्टक्कल आर्य वैद्यशाला द्वारा आयोजित की गई थी। इस कार्यक्रम के 62 वर्षों के इतिहास में यह पहली बार था कि इसका आयोजन केरल से बाहर किया गया।
आर्य वैद्यशाला एक स्वास्थ्य केंद्र है, जो 125 वर्षों से अधिक समय से अनुसंधान एवं शिक्षा सहित पारंपरिक पद्धतियों के तहत सेवाएं प्रदान कर रहा है।
जाधव ने कहा कि भारत की स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर बनाने में आर्य वैद्य शाला का योगदान ‘बेहद प्रेरणादायक’ है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा ‘यह संस्था प्राचीन आयुर्वेदिक ज्ञान को संरक्षित और बढ़ावा देने के साथ-साथ इसे आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोणों के साथ एकीकृत कर रही है, जिससे भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति की वैश्विक प्रतिष्ठा में वृद्धि हो रही है।’
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नोमान रंजन
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