(तस्वीर के साथ)
नयी दिल्ली, 22 दिसंबर (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत न्यूजीलैंड की कंपनियां भारत में डेयरी का कच्चा माल या सामग्री लाकर उसमें से उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बना सकती हैं और फिर उन सभी उत्पादों को पूरी तरह से विदेशों में बेच सकती हैं।
गोयल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस व्यवस्था से भारत को न्यूजीलैंड और अन्य देशों को निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए एक ‘फास्टट्रैक’ निवेश प्रक्रिया लागू की जाएगी, जो सिर्फ निर्यात के लिए उत्पाद बनाने वाले निवेश के लिए उपयोग होगी।’’
इसके साथ ही गोयल ने स्पष्ट किया कि डेयरी के लिए भारत ने कभी भी आयात शुल्क में छूट नहीं दी है और भविष्य में भी नीति में कोई बदलाव नहीं होगा।
प्रस्तावित एफटीए में डेयरी क्षेत्र पर एक सलाह-पत्र भी जोड़ा गया है, जिसमें दोनों पक्ष समझौते की समीक्षा के दौरान परामर्श कर सकते हैं, लेकिन इसका कोई बाध्यकारी अर्थ नहीं है।
गोयल ने बताया कि न्यूजीलैंड इस बात को लेकर चिंतित था कि यदि भारत भविष्य में किसी समतुल्य देश के लिए अपना डेयरी क्षेत्र खोले, तो उसे भी समान लाभ देने पर चर्चा का अवसर मिल सके।
उन्होंने कहा, ‘‘आप जानते हैं कि हमने किसी भी एफटीए में किसी के लिए भी डेयरी क्षेत्र नहीं खोला है। भारत कभी भी अपना डेयरी क्षेत्र नहीं खोलने वाला है, इसलिए उस चिंता का कोई मतलब नहीं है। यह सिर्फ एक परामर्श है, कोई प्रतिबद्धता नहीं है।’’
डेयरी भारत के लिए हमेशा ही संवेदनशील और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र रहा है। इस वजह से भारत ने किसी भी देश के साथ समझौते में डेयरी क्षेत्र को शामिल नहीं किया है।
वित्त वर्ष 2024-25 में न्यूजीलैंड का भारत में डेयरी निर्यात केवल 10.7 लाख डॉलर था।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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