Ayushman Bharat Card Hospital List: अब इन अस्पतालों में नहीं होगा आयुष्मान कार्ड से इलाज, 600 से अधिक प्राइवेट अस्पतालों ने छोड़ दी योजना

Ayushman Bharat Card Hospital List: अब इन अस्पतालों में नहीं होगा आयुष्मान कार्ड से इलाज, 600 से अधिक प्राइवेट अस्पतालों ने छोड़ दी योजना

Ayushman Bharat Card Hospital List: अब इन अस्पतालों में नहीं होगा आयुष्मान कार्ड से इलाज, 600 से अधिक प्राइवेट अस्पतालों ने छोड़ दी योजना

Ayushman Bharat Card Hospital List: अब इन अस्पतालों में नहीं होगा आयुष्मान कार्ड से इलाज / Image Source: Symbolic

Modified Date: April 1, 2025 / 11:18 am IST
Published Date: April 1, 2025 11:18 am IST
HIGHLIGHTS
  • 600 से अधिक निजी अस्पतालों ने छोड़ी 'आयुष्मान भारत योजना'
  • भुगतान में देरी और कम रिम्बर्समेंट दर मुख्य कारण
  • सरकार ने भुगतान प्रक्रिया तेज करने के दिए निर्देश

नई दिल्ली: Ayushman Bharat Card Hospital List मोदी सरकार की महत्वकांक्षी ‘आयुष्मान भारत योजना’ को बड़ा झटका लगा है। दरअसल देशभर के 600 से अधिक अस्पतलों ने अयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज करने से इंकार कर दिया है। यानि इन अस्पतालों ने खुद को आयुष्मान भारत योजना से अलग कर लिया है। बताया जा रहा है कि अस्पताल प्रबंधन ने देरी से भुगतान और कम रिम्बर्समेंट रेट जैसी समस्याओं के चलते ऐसा फैसला लिया है।

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Ayushman Bharat Card Hospital List सरकारी रिकॉर्ड की मानें तो कुल 609 प्राइवेट अस्पताल ने ‘आयुष्मान भारत योजना’ से खुद को बाहर कर लिया है। इनमें सबसे अधिक गुजरात के प्राइवेट अस्तालों का नाम शामिल है। बताया गया कि गुजराम में 233, केरल में 146 और महाराष्ट्र में 83 अस्पतालों ने इस योजना के तहत मरीजों का उपचार करने से इंकार कर दिया है।

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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव द्वारा राज्यसभा में शेयर किए गए आंकड़ों के अनुसार, कुल 609 प्राइवेट अस्पताल अब तक इस योजना से बाहर हो चुके हैं। यह स्थिति उस योजना के लिए चिंता का विषय बन गई है, जिसका उद्देश्य देश के 10 करोड़ परिवारों या लगभग 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करना है।

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वहीं, निजी अस्पतालों का कहना है कि योजना के तहत निर्धारित कम दरें और भुगतान में होने वाली देरी उनके लिए कामकाज को मुश्किल बना रही हैं। कई अस्पतालों ने दावा किया है कि राज्य सरकारों द्वारा समय पर फंड जारी न करने के कारण उनको समय पर पैसे नहीं मिले, जिससे वे इस योजना में भागीदारी जारी रखने में असमर्थ हो रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की हरियाणा इकाई के तहत फरवरी में सैकड़ों निजी अस्पतालों ने योजना के तहत सेवाएं बंद करने की घोषणा की थी, क्योंकि वहां 400 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान बकाया था। इसके बाद, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में भी निजी अस्पताल और नर्सिंग होम एसोसिएशन ने इसी तरह की निलंबन की मांग की।

छत्तीसगढ़ और गुजरात जैसे राज्यों में कुछ ट्रीटमेंट पैकेज केवल सरकारी अस्पतालों के लिए आरक्षित होने और सरकारी अस्पतालों से कोई रेफरल न मिलने के कारण भी निजी अस्पताल इससे बाहर निकल रहे हैं। स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने राज्यसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने अंतर-राज्यीय अस्पतालों के लिए क्लेम दाखिल करने के 15 दिनों के भीतर और पोर्टेबिलिटी अस्पतालों (राज्य के बाहर स्थित) के लिए 30 दिनों के भीतर अस्पतालों को क्लेम का भुगतान करने के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित किए हैं।

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