बंगाल विधानसभा ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया

बंगाल विधानसभा ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया

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  • Publish Date - June 10, 2025 / 09:15 PM IST,
    Updated On - June 10, 2025 / 09:15 PM IST

कोलकाता, 10 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें देश की पश्चिमी सीमा पर आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों के शौर्य की सराहना की गई।

हालांकि, पहलगाम आतंकी हमले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी के बाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में हंगामे की स्थिति देखने को मिली।

प्रस्ताव में सशस्त्र बलों की ‘‘राष्ट्र की सुरक्षा में उनके अटूट साहस’’ के लिए सराहना की गई तथा इसे बिना किसी विरोध के पारित कर दिया गया।

दिलचस्प बात यह है कि प्रस्ताव के पाठ में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शब्द का कोई उल्लेख नहीं किया गया, लेकिन सात मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में किए गए सटीक हमलों के बारे में बात की गई।

यह प्रस्ताव पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी द्वारा पेश किया गया।

कार्यवाही उस समय बाधित हुई जब बनर्जी ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया और आरोप लगाया कि खुफिया तथा सुरक्षा चूक के कारण पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ जिसमें 26 लोगों की जान चली गई।

बनर्जी ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘यह नृशंस हमला हमारे नागरिकों की सुरक्षा करने में केंद्र की विफलता को उजागर करता है। हमारे जवानों ने अत्यंत वीरता दिखाई। केंद्र बार-बार हो रही सुरक्षा चूक के बारे में क्या कर रहा है?’’

इस पर विपक्षी सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने नारेबाजी की और कहा कि बनर्जी राष्ट्रीय त्रासदी का राजनीतिकरण कर रही हैं।

अधिकारी ने पूछा, ‘‘प्रस्ताव में ‘सिंदूर’ शब्द पर आपत्ति क्यों है? नाम क्यों गायब है?’’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह ‘ऑपरेशन’ के महत्व को कम करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।

इस पर तृणमूल विधायक शिउली साहा कहा, ‘‘क्या हर कोई सिंदूर लगाता है?’’

अधिकारी ने इसके जवाब में कहा, ‘‘हां, जो लोग सिंदूर नहीं लगाते वे माओवादी हैं। वे चीन का समर्थन करते हैं। जो लोग धर्म में विश्वास नहीं करते वे इसे नहीं लगाते।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम उन लोगों के खिलाफ लड़ेंगे जो यहां रहते हुए पाकिस्तान की बात करते हैं, जो आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला का समर्थन करते हैं।’’

इस बीच, भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने 26/11 के मुंबई हमलों के दौरान मुख्यमंत्री की कथित चुप्पी पर सवाल उठाया।

उन्होंने पूछा, ‘‘ममता बनर्जी ने 26/11 के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से जवाबी कार्रवाई करने का आग्रह क्यों नहीं किया?’’

बनर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पॉल के फैशन के क्षेत्र में पूर्व करियर का हवाला देते हुए कहा, ‘‘आप राजनीति की बात कर रही हैं या फैशन की?’’

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा अक्षम है। यह देश के लिए शर्म की बात है। क्या वह विपक्ष के नेता (शुभेन्दु) हैं? यह कितनी शर्मनाक बात है।’’

बनर्जी ने कहा कि सशस्त्र बलों के सम्मान में प्रस्ताव लाने वाला बंगाल पहला राज्य है।

अधिकारी ने दावा किया कि मंत्री फिरहाद हकीम, उदयन गुहा और नरेन चक्रवर्ती समेत चार सदस्यों ने सत्र के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में नकारात्मक टिप्पणी की थी।

हकीम और चक्रवर्ती चुप रहे, लेकिन गुहा ने चुनौती भरे लहजे में जवाब दिया, ‘‘हां, मैंने यह कहा था। मैं इसे बार-बार कहूंगा।’’

विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को व्यवस्था बहाल करने के लिए कई बार हस्तक्षेप करना पड़ा।

अधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि प्रस्ताव में ‘लक्षित हत्या’ और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे शब्दों को शामिल किया जाना चाहिए।

व्यवस्था बहाल होने पर प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।

भाषा

नेत्रपाल माधव

माधव