बलात्कारियों को मौत की सजा दिलाने के लिए बंगाल सरकार मौजूदा कानूनों में संशोधन करेगी: ममता

बलात्कारियों को मौत की सजा दिलाने के लिए बंगाल सरकार मौजूदा कानूनों में संशोधन करेगी: ममता

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  • Publish Date - August 28, 2024 / 03:20 PM IST,
    Updated On - August 28, 2024 / 03:20 PM IST

कोलकाता, 28 अगस्त (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार की नीति ‘बलात्कार संबंधी घटनाओं को कतई बर्दाश्त न करने’ की है और इन मामलों से संबंधित मौजूदा कानूनों में संशोधन के लिए अगले सप्ताह राज्य विधानसभा में एक विधेयक पारित किया जाएगा, ताकि दुष्कर्म के अपराधियों के लिए मृत्युदंड सुनिश्चित किया जा सके।

बनर्जी ने कहा कि यदि राज्यपाल संशोधित विधेयक को मंजूरी देने में देरी करते हैं या इसे अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति के पास भेजते हैं तो वह राजभवन के बाहर धरने पर बैठेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस राज्य में शनिवार से जमीनी स्तर पर आंदोलन शुरू करेगी, ताकि बलात्कार के दोषियों को मृत्युदंड देने का कानून पारित करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाया जा सके।

उन्होंने तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद की स्थापना दिवस पर आयोजित रैली में कहा, ‘‘हम अगले सप्ताह विधानसभा के विशेष सत्र में संशोधन विधेयक पारित करेंगे। फिर हम इसे मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजेंगे। अगर उन्होंने विधेयक को लटकाए रखा तो हम राजभवन के बाहर धरना देंगे।’’

बनर्जी ने बंगाल के प्रदर्शनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों से भी काम पर लौटने का आग्रह किया। ये चिकित्सक 20 दिन से हड़ताल पर हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘चिकित्सकों के इस मुद्दे के प्रति शुरू से ही मेरी सहानुभूति रही है, क्योंकि वे अपनी सहकर्मी के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। घटना के इतने दिन बीत जाने के बावजूद हमने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। हम आपका दर्द समझते हैं, लेकिन कृपया अब काम पर लौट आएं क्योंकि मरीज परेशान हैं।’’

बनर्जी ने 12 घंटे के बंद के आह्वान के लिए भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा, ‘‘उन्होंने (भाजपा ने) बंद का आह्वान किया, क्योंकि वे एक शव से राजनीतिक लाभ चाहते थे। भाजपा एक युवती की मौत के मद्देनजर आम लोगों की भावनाओं का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। वे बंगाल को बदनाम करना चाहते हैं और चिकित्सक की मौत की जांच को पटरी से उतारने की साजिश रच रहे हैं, ताकि पीड़िता और उसके परिवार को न्याय न मिले।’’

भाजपा ने ‘नबान्न अभियान’ में भाग लेने वाले लोगों के खिलाफ मंगलवार को पुलिस की कार्रवाई के विरोध में बुधवार को ‘बंगाल बंद’ का आह्वान किया। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक चिकित्सक के कथित दुष्कर्म और हत्या को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग के लिए राज्य सचिवालय (नबान्न) तक मार्च निकाला गया था। यह मार्च एक नवगठित छात्र समूह ‘छात्र समाज’ ने आयोजित किया था।

भाषा

सिम्मी सुरेश

सुरेश