चक्रवात 'यास' के टकराने से पहले बंगाल, ओडिशा ने लाखों लोगों को निकाला, झारखंड भी सतर्क | Bengal, Odisha evacuate lakhs before cyclone 'Yas' hits, Jharkhand also on alert

चक्रवात ‘यास’ के टकराने से पहले बंगाल, ओडिशा ने लाखों लोगों को निकाला, झारखंड भी सतर्क

चक्रवात 'यास' के टकराने से पहले बंगाल, ओडिशा ने लाखों लोगों को निकाला, झारखंड भी सतर्क

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:48 PM IST, Published Date : May 25, 2021/6:38 pm IST

कोलकाता/भुवनेश्वर/ दिल्ली/रांची, 25 मई (भाषा) चक्रवात यास मंगलवार की शाम को भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया। इसके चलते पश्चिम बंगाल और ओडिशा सरकार ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जोखिम वाले क्षेत्रों से 12 लाख से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक एम. महापात्र ने कहा कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लिए ‘रेड कोडेड’ चेतावनी जारी की गई है। महापात्र ने कहा, ‘‘उत्तर पश्चिम और बंगाल की खाड़ी में गंभीर चक्रवाती तूफान यास भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है।’’

यह उत्तर- उत्तर पश्चिम की तरफ मुड़ सकता है तथा इसकी तीव्रता और अधिक हो सकती है। यह बुधवार की सुबह तक उत्तर ओडिशा में धमरा बंदरगाह के पास दस्तक दे सकता है।

मौसम विभाग का कहना है कि चक्रवात के दौरान हवा की गति 155 से 165 किलोमीटर प्रतिघंटा रहने और इसके बढ़कर 185 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंचने की संभावना है।

चक्रवात के खतरे के बीच भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने कहा कि कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बुधवार को सुबह 8:30 बजे से शाम 7:45 तक उड़ानों का संचालन निरस्त रहेगा।

इसी तरह, भुवनेश्वर का बीजू पटनायक हवाईअड्डा मंगलवार रात 11 बजे से बृहस्पतिवार सुबह पांच बजे तक बंद रहेगा। दक्षिण पूर्व रेलवे ने भी कई ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा की है।

चक्रवात के मद्देनजर पड़ोसी राज्य झारखंड ने भी अलर्ट जारी किया है और चक्रवात के प्रभाव के मद्देनजर तैयारी की जा रही है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उनके प्रशासन ने नौ लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

वहीं, ओडिशा सरकार का कहना है कि उसने सुरक्षा को देखते हुए तटीय जिलों से तीन लाख से अधिक लोगों को निकाला है।

क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर के वैज्ञानिक डॉ उमाशंकर दास ने बताया कि चक्रवात ओडिशा के भद्रक जिले में धमरा और चांदबाली के बीच टकराने का अनुमान है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल में इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए 74,000 से अधिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अलावा दो लाख से अधिक पुलिसकर्मियों एवं नागरिक स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) कर्मियों को तैनात किया गया है और आवश्यकता पड़ने पर सेना की भी मदद ली जाएगी।

बनर्जी ने कहा, ” हमने नौ लाख लोगों को राहत एवं बाढ़ केंद्रों में पहुंचाया है। राज्य में ऐसे 4000 केंद्र हैं। हम 24 घंटे हालात पर नजर बनाए हुए हैं। निगरानी के लिए प्रत्येक ब्लॉक में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। साथ ही राज्य सचिवालय में भी नियंत्रण कक्ष बनाया गया हैं।”

उन्होंने कहा, ” मुख्य एवं गृह सचिव जिलाधिकारियों के संपर्क में बने हुए हैं। मैंने दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना, झारग्राम, पूर्व मेदिनीपुर के जिलाधिकारियों से बात की है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोलकाता के लिए भी पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।

उधर, ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने कहा कि निचले इलाके के कच्चे घरों में रहने वाले 2.10 लाख से अधिक लोगों को चक्रवात आश्रय गृहों में भेजा गया है। इनमें बालासोर जिले के सबसे अधिक 74,132 लोग और भ्रदक जिले के 73,103 लोग शामिल हैं।

एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि करीब 5,000 ऐसी गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है,जोकि एक जून तक बच्चे को जन्म दे सकती हैं।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गृह राज्य मंत्री डी एस मिश्रा को राज्य के उत्तरी हिस्से में हालात की निगरानी करने के लिए बालासोर भेजा है।

जेना ने कहा कि चार तटीय जिलों केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, भद्रक और बालासोर सबसे अधिक जोखिम वाले इलाके हैं जबकि यास के चलते मयूरभंज, क्योंझर, सुंदरगढ़, ढेंकनाल, अंगुल के अलावा पुरी और खुर्दा जिले का भी हिस्सा प्रभावित होगा।

उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ के 52 और ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल की 60 टीमों और अग्निशमन के 205 दलों समेत 404 बचाव दल जोखिम वाले जिलों में तैनात रहेंगे।

आईएमडी ने मंगलवार सुबह जारी अपने बुलेटिन में कहा कि ‘यास’ के अगले 12 घंटे में उत्तर-पश्चिमोत्तर दिशा में बढ़ने की संभावना है।

ओडिशा के मयूरभंज जिले और पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना जिलों में हवा की रफ्तार 100-120 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 145 किलोमीटर प्रति घंटे की हो सकती है।

ओडिशा के पुरी, कटक, खुर्दा और जाजपुर जिले तथा पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम, पश्चिम मेदिनीपुर और उत्तरी 24 परगना जिलों में 80-90 किलोमीटर रफ्तार की हवाएं 110 किलोमीटर तक पहुंच सकती हैं।

मौसम विभाग ने अगली सूचना तक मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है।

वहीं, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि झारखंड ने भी चक्रवात के जोखिम को देखते हुए पश्चिम बंगाल और ओडिशा की सीमा के पास स्थित पूर्वी एवं पश्चिमी सिंहभूम जिलों से लोगों को हटाया है।

आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि चक्रवात के चलते कोल्हन संभाग प्रभावित हो सकता, जिसमें पूर्वी एवं पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले आते हैं।

उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों से सटे जिलों में एनडीआरएफ टीमों को तैनात किया गया है।

कौशल ने कहा कि अस्पतालों से बिजली, ऑक्सीजन एवं अन्य आवश्यक आपूर्ति के संबंध में पर्याप्त इंतजाम रखने का कहा गया है।

मौसम विभाग ने झारखंड में 110-120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना जतायी है।

उधर, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के प्रमुख एस. एन. प्रधान ने मंगलवार को बताया कि चक्रवात यास के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य के लिए बल ने अभी तक की सबसे ज्यादा टीमें ओडिशा और बंगाल में तैनात की गयी हैं।

बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न चक्रवात से देश के पांच राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार द्वीप समूह के प्रभावित होने की आशंका है, जिसे देखते हुए एनडीआरएफ ने अपनी 113 टीमें तैनात की हैं।

देश के पूर्वी तटीय इलाकों में चक्रवात यास के मद्देनजर सेना ने पश्चिम बंगाल में 17 एकीकृत राहत कॉलम की तैनाती की है जिनमें आवश्यक उपकरण और नाव के साथ विशेषज्ञ कर्मी शामिल हैं।

सेना ने एक बयान में कहा, “अनुरोध के आधार पर पश्चिम बंगाल सरकार के साथ करीबी समन्वय में सेना के इन कॉलम की तैनाती की गई है।”

इस बीच, पश्चिम बंगाल के हुगली और उत्तरी 24 परगना जिलों में मंगलवार को तूफान आने के बाद कम से कम दो व्यक्तियों की बिजली का करंट लगने से मौत हो गयी जबकि करीब 80 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गये। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे ‘बवंडर’ बताया है।

चक्रवात ‘यास’ के बुधवार को ओड़िशा के भद्रक जिले में धर्मा बंदरगाह पर पहुंचने से पहले ही यह प्राकृतिक घटना घटी है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘ यह अप्रत्याशित था… चक्रवात ने चिनसुराह पर कहर बरपाया, 40 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गये। दो व्यक्तियों की बिजली का करंट लगने से मौत हो गयी।’’

भाषा शफीक प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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