Chhattisgarh Liquor Scam: शराब घोटाले में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत

शराब घोटाले में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा को बड़ी राहत, Big relief to former IAS Anil Tuteja in liquor scam, Read

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  • Publish Date - April 15, 2025 / 03:50 PM IST,
    Updated On - April 16, 2025 / 12:14 AM IST

Bhopal Crime News / Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत, एक साल से अधिक समय से थे हिरासत में।
  • धारा 197 के तहत पूर्व मंजूरी नहीं होने के कारण अब तक संज्ञान नहीं लिया गया।
  • अदालत ने सख्त शर्तों के तहत जमानत दी।

नई दिल्लीः Chhattisgarh Liquor Scam उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़ में 2,000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी अनिल टुटेजा को मंगलवार को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि इस मामले में 20 आरोपियों और 30 से अधिक गवाहों से पूछताछ होनी बाकी है। टुटेजा को 21 अप्रैल 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 44 के तहत दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया था।

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Chhattisgarh Liquor Scam:  पीठ को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के उस आदेश के बारे में बताया गया, जिसमें विशेष अदालत द्वारा पारित आदेश को इस आधार पर रद्द कर दिया गया था कि संज्ञान लेने के आदेश से पहले दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 197 के तहत मंजूरी नहीं दी गई थी। धारा 197 लोकसेवकों और न्यायाधीशों को उनके आधिकारिक पद पर कार्य करते समय किए गए कथित अपराधों के लिए अभियोजन के विरुद्ध संरक्षण प्रदान करती है तथा न्यायालय द्वारा ऐसे अपराधों का संज्ञान लिये जाने से पहले उपयुक्त सरकार से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य बनाती है।

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शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘दो अप्रैल, 2025 के आदेश को चुनौती नहीं दी गई है। आज तक, संज्ञान लेने का कोई आदेश नहीं है। अपीलकर्ता ने लगभग एक साल की कैद काट ली है। बीस से अधिक आरोपी हैं और अभियोजन पक्ष के 30 से अधिक गवाहों का हवाला दिया गया है।’’ पीठ ने कहा, ‘‘इस मामले में अधिकतम सात साल कैद की सजा हो सकती है। इसलिए ‘‘सेंथिल बालाजी’’ फैसले में इस अदालत द्वारा निर्धारित सिद्धांत लागू होगा। इसके अलावा, इसी तरह की स्थिति में, इस अदालत ने 12 फरवरी, 2025 के आदेश में एक सह-आरोपी को जमानत दी थी। अपीलकर्ता को जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है।’’ उच्चतम न्यायालय ने ईडी को टुटेजा को जमानत की औपचारिकताओं के लिए संबंधित अदालत में पेश करने का निर्देश दिया।

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पीठ ने कहा कि टुटेजा को पासपोर्ट जमा कराने और सुनवाई के दौरान अदालत के साथ सहयोग करने सहित सख्त शर्तों के अधीन जमानत पर रिहा किया जाएगा। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि टुटेजा एक वरिष्ठ नौकरशाह थे, जो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त थे और शराब की समानांतर बिक्री की ‘‘सुचारू मशीनरी’’ चला रहे थे। राजू ने टुटेजा पर नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले में भी शामिल होने का भी आरोप लगाया और कहा कि वह गवाहों को प्रभावित करने में सक्षम हैं। टुटेजा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पैरवी की। धन शोधन का यह मामला दिल्ली की एक अदालत में 2022 में दायर आयकर विभाग के एक आरोपपत्र से संबंधित है।

Chhattisgarh Liquor Scam क्या है?

Chhattisgarh Liquor Scam एक कथित 2000 करोड़ रुपये का घोटाला है, जिसमें शराब की समानांतर बिक्री और उसमें धन शोधन से जुड़े आरोप लगे हैं।

Chhattisgarh Liquor Scam में अनिल टुटेजा की क्या भूमिका थी?

अनिल टुटेजा पर आरोप है कि वे एक वरिष्ठ अधिकारी रहते हुए इस घोटाले के प्रमुख योजनाकार थे और समानांतर शराब बिक्री की "मशीनरी" चला रहे थे।

Chhattisgarh Liquor Scam में टुटेजा को कब गिरफ्तार किया गया था?

उन्हें 21 अप्रैल 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किया गया था।

Chhattisgarh Liquor Scam केस में जमानत क्यों मिली?

सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए जमानत दी कि अभी तक संज्ञान नहीं लिया गया है, और टुटेजा लगभग एक साल से हिरासत में हैं, साथ ही अन्य सह-आरोपियों को भी जमानत मिल चुकी है।

क्या Chhattisgarh Liquor Scam में और भी आरोपी हैं?

हां, इस घोटाले में 20 से अधिक आरोपी हैं और 30 से अधिक गवाहों से अभी पूछताछ होनी बाकी है।