नीतीश कुमार की नाराजगी को लेकर आया बड़ा अपडेट, JDU अध्यक्ष ललन सिंह के बयान ने बढ़ाई सियासी हलचल
Big disclosure on Nitish Kumar displeasure : नीतीश कुमार के नाराज होने के मामले में जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह का बड़ा बयान सामने आया है।
Nitish Kumar Admitted In Hospital
नई दिल्ली : Big disclosure on Nitish Kumar displeasure : बेंगलुरु में 26 विपक्षी दलों की संयुक्त बैठक हुई। इस बैठक में विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम INDIA रखा है। वहीं इस बैठक के बाद से हर तरफ चर्चा हो रही है कि, विपक्षी एकता की कवायद के सूत्रधार बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार ही नाराज हो गए हैं। वहीं अब इस मामले में जेडीयू पार्टी के अध्यक्ष ललन सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि, नीतीश कुमार वो हैं जिन्होंने विपक्ष को एक साथ लाया है और जो व्यक्ति सभी को एक साथ लाया है वह कभी नाराज नहीं हो सकता। मैं पांच साल तक एनडीए का हिस्सा था और आज तक पीएम मोदी एनडीए के साथ कभी बैठक नहीं बुलाई। अब उन्होंने बैठक क्यों बुलाई?… वे 2024 के चुनाव में हार जाएंगे।
तय कार्यक्रम के कारण प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हुए थे नीतीश
Big disclosure on Nitish Kumar displeasure : प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार के ना शामिल होने के मामले में कहा गया कि, नीतीश कुमा पहले से तय कार्यक्रम के हिसाब से वो बेंगलुरु से पटना लौटे जिस वजह से संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में वो या लालू यादव या तेजस्वी यादव नजर नहीं आए। जेडीयू सूत्रों का कहना है कि असल में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जिस 11 सदस्यीय कोर्डिनेशन कमिटी की बात की वो कमिटी बनाने का सुझाव ही नीतीश ने दिया था।
उन्होंने आगे कहा कि, नीतीश कुमार ने पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से कोई बात नहीं की इसमें नाराजगी से ज्यादा रणनीति है ताकि बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस की बात को मीडिया में जगह मिल सके और नीतीश की खबर उस न्यूज का कवरेज ना खाए। सूत्र का कहना है कि राजगीर में बुधवार को मलमास मेला का उद्घाटन करने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव जा रहे हैं, जहां वो बेंगलुरु बैठक और विपक्षी एकता पर मीडिया के सामने अपनी बात रख सकते हैं।
#WATCH | Patna| JDU party president Lalan Singh says, “…Nitish Kumar is the one who has brought the opposition together and a person who has brought everyone together can never be angry…I was part of NDA for five years and to date PM Modi never called a meeting with NDA. Now… pic.twitter.com/6LZqUMSGKg
— ANI (@ANI) July 19, 2023
भाजपा के लोगों ने फैलाई नीतीश के नाराज होने की अफवाह
Big disclosure on Nitish Kumar displeasure : नीतीश के बेंगलुरु से निकलने के बाद ही खबरें चल रही थी कि नीतीश दो वजहों से नाराज हैं। एक तो वो देश के नाम पर गठबंधन का नाम इंडिया रखने के खिलाफ थे जिसका इस्तेमाल कई वामपंथी नेता अमीर-गरीब की खाई दिखाने के लिए एलीट लोगों के लिए प्रतीक के तौर पर करते हैं। दूसरा नीतीश को उम्मीद थी कि विपक्षी दलों की दूसरी मीटिंग में संयोजक का ऐलान हो जाएगा जिस पद पर स्वाभाविक रूप से उनका दावा बनता है। नीतीश ने कांग्रेस के साथ कम से कम तीन ऐसे नेताओं को बातचीत की टेबल पर बिठाया है जो एक-दूसरे से बात नहीं कर रहे थे। इन नेताओं में अखिलेश यादव, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल शामिल हैं। लेकिन जेडीयू के सूत्र कह रहे हैं कि नीतीश के नाराज होने की खबर एक नैरेटिव है जिसे भाजपा के लोग आगे बढ़ा रहे हैं।
सूत्र ने कहा कि जब विपक्षी दलों की पहली बैठक पटना में हुई थी तभी नीतीश कुमार ने सभी दलों से कहा था कि आज हम लोग खुले दिल से ये तय कर लें कि हम सारे किंतु-परंतु को छोड़कर भाजपा को हराने के लिए और देश को बचाने के लिए मोर्चे पर एक-दूसरे का हाथ पकड़कर लडे़ंगे। इसके बाद की जो भी चीजें हैं, आपस की जो समझ या तकरार है, उस पर सब मिलकर काम करेंगे और न्यूनतम साझेदारी का रास्ता बनाएंगे। नीतीश ने पटना की बैठक में ही एक उप-समिति बनाने का सुझाव दिया था जिस पर उस बैठक में फैसला नहीं हो सका था। उस बैठक में सब चाहते थे कि पहले ये मैसेज जाए कि हम एक हैं और एक सीट पर एक कैंडिडेट देने के लिए तैयार हैं।
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मुंबई में मीटिंग से पहले होगा ये
Big disclosure on Nitish Kumar displeasure : जेडीयू सूत्रों ने बताया कि बेंगलुरु मीटिंग में नीतीश कुमार ने कहा कि अब समय आ गया है कि वन अगेंस्ट वन फॉर्मूला पर काम शुरू कर दिया जाए और इसके लिए एक कमिटी बना दी जाए। मीटिंग में 11 मेंबर की एक कमिटी बना दी गई है लेकिन कमिटी के मेंबर का नाम अभी तक बाहर नहीं आया है। बताया जाता है कि कमिटी में दूसरी पायदान के नेताओं को रखा गया है जो सीटों के समझौते पर होमवर्क करके मुंबई की मीटिंग से पहले वन अगेंस्ट वन के फॉर्मूले का खाका पेश कर सकें। नीतीश और ज्यादातर विपक्षी दलों ने बैठक में साझा नेतृत्व पर ही जोर दिया है जिसका मतलब है कि पीएम कैंडिडेट सामने बिना रखे चुनाव लड़ा जाएगा। जेडीयू के नेता कहते रहे हैं कि पहले वैकेंसी बनाएंगे और जब पीएम पद खाली हो जाएगा तो हम लोग आपस में नेता चुन लेंगे।

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